🏛️ न्यायिक दिशा-निर्देशों पर आधारित कार्यक्रम का सफल आयोजन
झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा), रांची के निर्देशानुसार और जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा), पाकुड़ के तत्वावधान में एक महत्वपूर्ण विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन पाकुड़ प्रखंड के रहसपुर पंचायत भवन में किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा अध्यक्ष शेष नाथ सिंह के निर्देशन में और डालसा सचिव रूपा बंदना किरो के मार्गदर्शन में किया गया।
इस पहल का उद्देश्य ग्रामीणों को मुफ्त कानूनी सहायता, न्याय तक पहुंच, और विधिक अधिकारों के प्रति जागरूक करना था।
📚 नालसा की योजनाओं पर दी गई विस्तृत जानकारी
कार्यक्रम के दौरान नालसा (राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण) द्वारा चलाई जा रही प्रमुख योजनाओं जैसे —
‘साथी योजना’, ‘डॉन योजना’, ‘जागृति योजना’, और ‘आशा इकाई योजना’ पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया।
इन योजनाओं के माध्यम से समाज के कमजोर वर्गों को कानूनी सहायता, समाजिक सुरक्षा, और सरकारी योजनाओं से जोड़ने की पहल की जा रही है।
🧒 साथी योजना: निराश्रित बच्चों को मिले पहचान और अधिकार
लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के डिप्टी चीफ मो. नुकूमुद्दीन शेख ने बताया कि ऐसे निराश्रित बच्चे, जिनके पास आधार कार्ड नहीं है, उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ‘साथी योजना’ के अंतर्गत ऐसे बच्चों की पहचान कर, उनका आधार कार्ड बनवाना और उन्हें शासकीय योजनाओं से जोड़ना प्राथमिक लक्ष्य है।
जागृति योजना: कानूनी जानकारी से न्याय की किरण तक पहुंच
‘जागृति योजना’ के तहत लोगों को अपने मौलिक अधिकारों, कानूनी अधिकारों, और न्यायिक प्रक्रियाओं की जानकारी दी गई। इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक भी न्याय की रोशनी पहुंचे और वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सकें।
🚫 डॉन योजना: नशामुक्त समाज की ओर एक प्रयास
कार्यक्रम में ‘डॉन योजना’ के अंतर्गत नशीली दवाओं और नशे के दुष्प्रभाव की जानकारी दी गई।
ग्रामीणों को बताया गया कि नशे की आदत व्यक्ति, परिवार और समाज तीनों को नुकसान पहुंचाती है।
इस योजना का उद्देश्य एक नशामुक्त समाज का निर्माण कर स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना है।
👧 आशा इकाई योजना: बाल विवाह की रोकथाम और पुनर्वास
‘आशा इकाई योजना’ पर चर्चा करते हुए बताया गया कि यह योजना बाल विवाह के खिलाफ कानूनी सुरक्षा, शिक्षा की सुविधा, और समाज की मुख्यधारा में पीड़ितों को जोड़ने का कार्य करती है।
बाल विवाह से पीड़ित बच्चों को कानूनी परामर्श, सहायता, और पुनर्वास प्रदान करना इसका प्रमुख उद्देश्य है।
🏫 लीगल लिटरेसी क्लब में छात्र-छात्राओं को भी किया गया जागरूक
कार्यक्रम के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित लीगल लिटरेसी क्लब के माध्यम से भी शैक्षणिक संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
जीदातो गर्ल्स हाई स्कूल में कमला राय गांगुली और राज प्लस टू स्कूल, पाकुड़ में अमूल्य रत्न रविदास ने बच्चों को बाल विवाह, शिक्षा का अधिकार, और कानूनी संरक्षण जैसे विषयों पर जानकारी दी। छात्र-छात्राओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपने सवालों से विषय में रुचि दिखाई।
👥 पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों की सहभागिता
इस कार्यक्रम में रहसपुर पंचायत की मुखिया गीता कुमारी, पीएलवी सायेम अली, पंचायत प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे।
सभी ने इस कार्यक्रम की प्रासंगिकता और सामाजिक महत्व को सराहा और ऐसे और कार्यक्रमों की मांग की।
🎯 अभियान का मुख्य उद्देश्य
इस जागरूकता कार्यक्रम का मूल उद्देश्य था —
- नशा मुक्ति के प्रति प्रेरित करना
- बाल विवाह को जड़ से खत्म करना
- लोगों को उनके कानूनी अधिकारों से अवगत कराना
- जरूरतमंदों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करना
- सरकारी योजनाओं से समाज के अंतिम व्यक्ति को जोड़ना
यह विधिक जागरूकता शिविर न केवल ग्रामीणों के लिए उपयोगी रहा, बल्कि यह समाज में न्याय, अधिकार और समानता की ओर उठाया गया एक मजबूत कदम भी सिद्ध हुआ।
ऐसे प्रयासों से कानून और समाज के बीच की दूरी धीरे-धीरे कम हो रही है।