🏛️ मंडलकारा पाकुड़ में विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विशेष अदालत का आयोजन
पाकुड़। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा), रांची के निर्देशानुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पाकुड़ के तत्वावधान में मंडलकारा पाकुड़ में एक विशेष जेल अदालत का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य कारागार में बंद कैदियों को उनके विधिक अधिकारों के प्रति जागरूक करना और निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करना था।
यह आयोजन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पाकुड़ शेष नाथ सिंह के निर्देशन में संपन्न हुआ, जिसमें बंदियों के कानूनी अधिकारों से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई।
📜 बंदियों को दी गई मुफ्त विधिक सहायता की जानकारी
कार्यक्रम के दौरान न्यायिक पदाधिकारियों ने उपस्थित बंदियों को बताया कि वे कैसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से मुफ्त अधिवक्ता एवं कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
बंदियों को यह भी जानकारी दी गई कि यदि वे विधिक सहायता के लिए पात्र हैं तो उन्हें किसी भी प्रकार की फीस नहीं देनी होगी, और उन्हें सुनवाई से लेकर अपील तक हर स्तर पर सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य था –
“न्याय हर नागरिक का अधिकार है, चाहे वह जेल में हो या बाहर।”
🛠️ जेल में संचालित कौशल विकास गतिविधियों का निरीक्षण
जेल अदालत के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव रूपा बंदना किरो और अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल मांझी द्वारा जेल में चल रहे स्वरोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रमों का निरीक्षण भी किया गया।
इस निरीक्षण में यह देखा गया कि कैसे बंदियों को कौशल विकास कार्यशालाओं के माध्यम से स्वावलंबी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यह कदम पुनर्वास और समाज में पुनः एकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना गया।
🏥 लीगल एड क्लीनिक और बुनियादी सुविधाओं की जांच
निरीक्षण के दौरान महिला एवं पुरुष वार्डों में संचालित लीगल एड क्लीनिक, जेल अस्पताल, मेडिकल क्लीनिक, दवा पंजी, पुस्तकालय और शौचालय आदि बुनियादी सुविधाओं का भी जायजा लिया गया। यह सुनिश्चित किया गया कि बंदियों को स्वास्थ्य, स्वच्छता और शिक्षा से संबंधित सभी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं या नहीं।
👮♂️ कार्यक्रम में मौजूद रहे प्रशासनिक अधिकारी
इस विशेष जेल अदालत कार्यक्रम में जेल प्रशासन के अधिकारी, न्यायिक पदाधिकारी, एवं डीएसपी हेड क्वार्टर जितेंद्र कुमार भी उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों ने बंदियों के साथ संवाद स्थापित किया और उन्हें मानवाधिकार एवं विधिक सहायताओं के प्रति सजग रहने का सुझाव दिया।
✅ बंदियों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
यह जेल अदालत न केवल बंदियों को कानूनी जानकारी उपलब्ध कराने में सहायक रही, बल्कि यह कार्यक्रम एक सकारात्मक सामाजिक पहल भी सिद्ध हुआ। जेल में सुधार, बंदियों के पुनर्वास, और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए ऐसे आयोजनों का निरंतर आयोजन आवश्यक है।
इस कार्यक्रम ने यह स्पष्ट किया कि –
“न्यायिक व्यवस्था का उद्देश्य केवल सजा देना नहीं, बल्कि सुधार और पुनर्वास को भी प्राथमिकता देना है।”