🏛️ विधिक अधिकारों के प्रति जागरूकता का पर्व
पाकुड़। राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के अवसर पर 9 नवंबर, रविवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ के सभागार में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम नालसा, नई दिल्ली एवं झालसा, रांची के निर्देशानुसार, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ के मार्गदर्शन में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम, कुमार क्रांति प्रसाद ने की, जबकि संचालन एवं समन्वय की जिम्मेदारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार रूपा बंदना किरो ने निभाई।
इस अवसर पर समाज के कमजोर और वंचित वर्गों तक न्याय और कानूनी सहायता की पहुँच सुनिश्चित करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई।
🪔 दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन समारोह से हुई। दीप प्रज्वलन का कार्य अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम, कुमार क्रांति प्रसाद, जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव रूपा बंदना किरो, तथा लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के डिप्टी चीफ नुकमुद्दीन शेख ने संयुक्त रूप से किया।
दीप प्रज्वलन के साथ ही सभागार में न्याय, सेवा और संवेदना का वातावरण गूंज उठा। उपस्थित जनसमूह ने इस आयोजन को न्यायिक जागरूकता का प्रतीक बताया।
⚖️ राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस का उद्देश्य
राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस प्रतिवर्ष 9 नवंबर को मनाया जाता है, जो विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के लागू होने की याद में आयोजित किया जाता है।
इस दिवस का उद्देश्य समाज के गरीब, वंचित, पिछड़े और जरूरतमंद वर्गों तक निःशुल्क और सक्षम कानूनी सहायता पहुँचाना है, ताकि हर नागरिक को न्याय प्राप्त हो सके।
अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा कि “न्याय केवल कुछ लोगों का अधिकार नहीं, बल्कि हर नागरिक का मौलिक अधिकार है।” उन्होंने यह भी कहा कि विधिक सेवा प्राधिकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुँचाने के लिए निरंतर कार्यरत है।
🧾 न्याय तक पहुँच: विधिक सेवा प्राधिकार की पहल
अपने संबोधन में कुमार क्रांति प्रसाद ने विधिक सेवा दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह कार्यक्रम केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक संवेदनशील पहल है जो समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक न्याय की किरण पहुँचाने का संकल्प है।
उन्होंने पैरा लीगल वॉलंटियर्स (PLV) को निर्देश दिया कि वे गांव-गांव जाकर लोगों से संवाद करें, उन्हें कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक करें, और सुनिश्चित करें कि कोई भी व्यक्ति सरकारी योजनाओं या न्यायिक सहायता से वंचित न रहे।
उन्होंने यह भी कहा कि संवेदनशीलता और विनम्रता ही ऐसे कार्यों की सफलता की कुंजी है — जब लोग अपने दुख और समस्याएं खुलकर साझा करेंगे, तभी सही न्याय तक उनकी पहुँच सुनिश्चित हो सकेगी।
📚 सचिव रूपा बंदना किरो का मार्गदर्शन
जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव रूपा बंदना किरो ने इस अवसर पर कार्यक्रम के उद्देश्य और विधिक सहायता योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर विधिक सहायता के अंतर्गत कई योजनाएं चल रही हैं, जिनके माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, महिलाएं, बच्चे, वृद्धजन और पीड़ित परिवारों को मुफ्त कानूनी सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा — “हमारा लक्ष्य है कि कोई भी नागरिक न्याय से वंचित न रहे। विधिक सेवा प्राधिकरण का हर सदस्य इस दिशा में कार्य कर रहा है कि न्याय केवल कागजों तक सीमित न रहे, बल्कि हर व्यक्ति तक पहुंचे।”
👥 पैरा लीगल वॉलंटियर्स की सक्रिय भूमिका

कार्यक्रम में उपस्थित लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के डिप्टी चीफ नुकमुद्दीन शेख, पीएलवी ज्योति कुमारी और याकूब अली ने अपने विचार रखे। उन्होंने अपने कार्य अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि कैसे वे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को कानूनी सहायता और सरकारी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि न्याय तक पहुँच का सपना तभी साकार होगा जब समाज का हर व्यक्ति अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होगा और अपनी समस्याओं को सामने रखेगा।
🌟 न्यायिक सेवा की दिशा में एक प्रेरक आयोजन
इस अवसर पर सभागार में उपस्थित सभी प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम को अत्यंत सूचनाप्रद और प्रेरणादायी बताया।
अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद ने कहा कि यह आयोजन केवल विधिक सेवा दिवस का उत्सव नहीं, बल्कि न्यायिक सेवा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ द्वारा कानूनी साक्षरता शिविर, लोक अदालत और जागरूकता अभियानों के माध्यम से न्याय को और सुलभ बनाया जाएगा।
न्याय सबके लिए, सब तक
कार्यक्रम का समापन न्याय सबके लिए, सब तक के संकल्प के साथ हुआ।
अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम ने कहा कि न्याय व्यवस्था तभी सफल मानी जाएगी जब समाज का सबसे कमजोर व्यक्ति भी अपने अधिकार को पहचान सके और उसे पाने में सक्षम हो।
राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस का यह आयोजन पाकुड़ जिले में कानूनी जागरूकता और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में एक प्रेरक कदम साबित हुआ।
✨ यह आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ की उस निरंतर प्रतिबद्धता का प्रतीक है जो न्याय को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाने की दिशा में कार्यरत है।


