ग्रामीण इलाकों में न्याय पहुंचाने की पहल
पाकुड़। झालसा रांची के निर्देशानुसार एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के तत्वावधान में पाकुड़ प्रखंड के पृथ्वीनगर पंचायत भवन में चलंत लोक अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़, शेष नाथ सिंह ने की।
इस अवसर पर अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद, सचिव रूपा बंदना किरो, प्रभारी न्यायाधीश विजय कुमार दास, स्थायी लोक अदालत के सदस्य, प्रखंड विकास पदाधिकारी समीर अल्फ्रेड मुर्मू, मीडियेटर अधिवक्ता, डालसा कर्मी, पैरा लीगल वॉलिंटियर्स एवं पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीणों को कानूनी जानकारी, विधिक सहायता एवं न्याय तक आसान पहुंच के बारे में जागरूक करना था।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने न्याय के अधिकार पर किया जोर
अपने संबोधन में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेष नाथ सिंह ने कहा कि चलंत लोक अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर का मुख्य उद्देश्य है कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अंतिम व्यक्ति तक न्याय की किरण पहुंचे।
उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को सुलभ न्याय मिलना उसका मौलिक अधिकार है, और जिला विधिक सेवा प्राधिकार (DLSA) इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है।
उन्होंने बताया कि प्राधिकार द्वारा मुफ्त में अधिवक्ता उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे गरीब और वंचित तबके के लोग अपने अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी लड़ाई लड़ सकें।
इसके साथ ही प्राधिकार मुकदमे की प्रक्रिया, गवाहों के आने-जाने का खर्च और संबंधित कागजात का खर्च वहन करता है, ताकि किसी भी नागरिक को आर्थिक कारणों से न्याय से वंचित न रहना पड़े।
अपर सत्र न्यायाधीश ने दी कानूनी जागरूकता की सीख
अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद ने उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति को कानूनी समस्या, सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में परेशानी, या किसी विवाद से संबंधित अड़चन हो, तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकार या पंचायत के पैरा लीगल वॉलिंटियर्स (PLVs) से संपर्क करें।
उन्होंने कहा कि आपसी विवादों को बातचीत के माध्यम से सुलझाना ही सबसे बड़ी जीत है।
उन्होंने ग्रामीणों को मारपीट, घरेलू हिंसा और झगड़ों से बचने, तथा कानूनी उलझनों में न फंसने की सलाह दी।
उनका कहना था कि शांतिपूर्ण सहअस्तित्व और सहयोगी जीवन ही समाज की सच्ची प्रगति की पहचान है।
महिलाओं और बच्चों के अधिकारों पर जोर
सचिव रूपा बंदना किरो ने अपने संबोधन में बाल विवाह, बाल मजदूरी तथा महिला अधिकारों से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि बाल विवाह और बाल मजदूरी न केवल कानूनन अपराध हैं, बल्कि इनसे बच्चों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास पर गंभीर असर पड़ता है।
उन्होंने उपस्थित लोगों को बताया कि कानून के अनुसार बाल विवाह अधिनियम और बाल श्रम निषेध अधिनियम में कठोर दंड का प्रावधान है।
उन्होंने सभी ग्रामीणों से अपील की कि वे अपने बच्चों को शिक्षा से जोड़ें, ताकि वे समाज के सशक्त नागरिक बन सकें और गरीबी तथा शोषण के चक्र से बाहर निकल सकें।
स्थायी लोक अदालत के सदस्य ने साझा की कानूनी जानकारी
स्थायी लोक अदालत के सदस्य ने ग्रामीणों को बताया कि छोटे-मोटे विवादों और सामाजिक समस्याओं का समाधान लोक अदालत के माध्यम से जल्दी और बिना खर्च के किया जा सकता है।
उन्होंने उदाहरणों के माध्यम से बताया कि भूमि विवाद, पारिवारिक झगड़े, आपसी कलह, तथा आर्थिक मामलों से जुड़ी शिकायतों का निपटारा लोक अदालतों में सुलह-सफाई के आधार पर किया जाता है, जिससे लोगों का समय और धन दोनों की बचत होती है।
उन्होंने कहा कि जागरूक नागरिक बनना ही न्याय पाने का पहला कदम है।
पुलिस विभाग ने समाज सुधार की दिशा में दी सलाह
संबंधित थाना प्रभारी गौरव कुमार ने समाज में शांति, अनुशासन और शिक्षा के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि अभिभावकों का दायित्व है कि वे अपने बच्चों को शिक्षा के मार्ग पर अग्रसर करें, ताकि वे गुमराह रास्तों से दूर रहें।
उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे अवैध गतिविधियों, नशा सेवन और हिंसक प्रवृत्तियों से बचें, जिससे समाज में सद्भाव और विकास का वातावरण कायम रह सके।
सरकारी योजनाओं से लाभ उठाने की अपील
प्रखंड विकास पदाधिकारी समीर अल्फ्रेड मुर्मू ने अपने वक्तव्य में कहा कि राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से हर जरूरतमंद तक सहायता पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने बताया कि अनाज, धोती-साड़ी योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, तथा जॉब कार्ड के तहत रोजगार की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
साथ ही उन्होंने बुजुर्गों, विधवाओं एवं दिव्यांग व्यक्तियों को पेंशन योजनाओं का लाभ लेने की भी अपील की।
उन्होंने एसआईआर (Social Impact Report) से संबंधित जानकारियां साझा करते हुए कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ तभी संभव है जब ग्रामीण जागरूक होंगे।
ग्रामीणों को वितरित की गई कानूनी जानकारी पुस्तिकाएं
शिविर के दौरान प्राधिकार से मिलने वाली कानूनी सहायता, नालसा (NALSA) द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं, तथा विधिक अधिकारों से संबंधित जागरूकता पर्चे और पुस्तिकाएं उपस्थित ग्रामीणों के बीच वितरित की गईं।
ग्रामीणों ने इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भाग लिया और न्याय तक पहुंच, कानूनी प्रक्रिया एवं सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त की।
कार्यक्रम के अंत में सभी अधिकारियों और उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने मिलकर “न्याय सबके लिए” के संकल्प को दोहराया।
न्याय और जागरूकता की दिशा में सार्थक पहल

पाकुड़ के पृथ्वीनगर पंचायत में आयोजित यह चलंत लोक अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर ग्रामीण क्षेत्रों में कानूनी साक्षरता और न्यायिक पहुंच को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
इस आयोजन से स्पष्ट संदेश गया कि न्यायालय केवल दीवारों के भीतर नहीं, बल्कि हर नागरिक के जीवन तक पहुंच सकता है, बशर्ते लोग अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहें।


