Tuesday, July 1, 2025
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⚖️ मध्यस्थता प्रक्रिया को प्रभावी बनाने हेतु पाकुड़ में अधिवक्ताओं का प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न

— जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा कराया गया जागरूकता व मार्गदर्शन सत्र

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मध्यस्थता को लेकर विशेष प्रशिक्षण सत्र का आयोजन

पाकुड़। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा), रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ के तत्वावधान में मध्यस्थ अधिवक्ताओं के लिए एक विशेष प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मध्यस्थता प्रक्रिया को और अधिक प्रभावशाली, व्यावहारिक एवं सुलभ बनाना रहा।


न्यायिक पदाधिकारियों की उपस्थिति में हुआ कार्यक्रम

कार्यक्रम का संचालन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ — शेष नाथ सिंह के निर्देशन में किया गया। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव रूपा बंदना किरो की सक्रिय उपस्थिति रही। उन्होंने मध्यस्थता (मेडिएशन) की आवश्यकता, उपयोगिता और कार्यप्रणाली पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।


मध्यस्थों की भूमिका पर हुआ विशेष फोकस

कार्यक्रम में उपस्थित मेडिएटर अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए सचिव ने मध्यस्थों की भूमिका और जिम्मेदारियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि “मध्यस्थता केवल विवाद निपटाने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक ऐसा माध्यम है जो समाज में शांति, सामंजस्य और शीघ्र न्याय सुनिश्चित करता है।” इस दौरान यह भी बताया गया कि मध्यस्थता में वादी-प्रतिवादी के बीच आपसी सहमति से समाधान खोजा जाता है, जिससे अदालती बोझ भी कम होता है।


रेफरल मामलों की प्रक्रियाओं पर गहन चर्चा

बैठक में मध्यस्थता हेतु भेजे जाने वाले रेफरल मामलों की प्रक्रियाओं पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। प्रत्येक चरण की तकनीकी एवं व्यवहारिक जटिलताओं, केस को मध्यस्थता केंद्र तक पहुंचाने की प्रक्रिया, और मामलों को समयबद्ध रूप से निपटाने के तरीकों पर भी दिशा-निर्देश दिए गए।


मध्यस्थता को कुशल व प्रभावी बनाने पर जोर

कार्यक्रम के दौरान मध्यस्थता को और अधिक प्रभावी एवं व्यावहारिक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव भी प्रस्तुत किए गए। चर्चा में यह भी सामने आया कि संवेदनशील मामलों को प्रभावशाली ढंग से सुलझाने में प्रशिक्षित मध्यस्थ अधिवक्ताओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। सभी मध्यस्थों से आग्रह किया गया कि वे प्रत्येक वाद की प्रकृति के अनुरूप समाधान की दिशा में कार्य करें और अपने अनुभव व संवाद कौशल का बेहतर इस्तेमाल करें।


मध्यस्थ अधिवक्ताओं की सक्रिय भागीदारी

इस प्रशिक्षण सह जागरूकता सत्र में पाकुड़ जिला के मध्यस्थ अधिवक्ताओं ने सक्रिय भागीदारी दिखाई। उन्होंने कार्यक्रम को उपयोगी और ज्ञानवर्धक बताया। प्रतिभागियों ने न्यायिक अधिकारियों द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों को सराहनीय बताया और मध्यस्थता क्षेत्र में बेहतर कार्य करने की प्रतिबद्धता जताई।


📌 विवाद समाधान की दिशा में एक सकारात्मक पहल

जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ द्वारा आयोजित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम मध्यस्थता को संस्थागत रूप से मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। इससे न केवल अदालती मामलों का बोझ घटेगा, बल्कि आम नागरिकों को शीघ्र, सुलभ और सौहार्दपूर्ण न्याय प्राप्त होगा

मध्यस्थता के इस लोकतांत्रिक और संवादप्रधान मॉडल को बढ़ावा देने के लिए ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित होते रहेंगे, ताकि “न्याय सबके लिए, जल्दी और सुलभ” का लक्ष्य पूर्ण रूप से हासिल किया जा सके।

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