पीडीजे शेष नाथ सिंह के निर्देश पर आयोजित हुई कार्यशाला
पाकुड़। नालसा नई दिल्ली और झालसा रांची के निर्देशानुसार प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पीडीजे) शेष नाथ सिंह के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ के तत्वावधान में ‘जागृति योजना 2025’ को लेकर एक प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सचिव रूपा बंदना किरो की अध्यक्षता में प्रकोष्ठ कक्ष में संपन्न हुआ। कार्यशाला का उद्देश्य था— जनसामान्य को न्यायिक अधिकारों और विधिक सेवाओं की जानकारी देना और उन्हें जागरूक बनाना।
प्रमुख अधिकारियों और अधिवक्ताओं ने लिया हिस्सा
इस कार्यशाला में एसडीएम पाकुड़ साइमन मरांडी, डीएसपी मुख्यालय जितेंद्र कुमार, पैनल अधिवक्ता समीर कुमार मिश्रा, प्रसेनजीत चौबे, और पैरा लीगल वॉलिंटियर्स चन्दन रविदास, चन्द्रशेखर घोष, मल्लिका सरकार, रानी साह आदि ने भाग लिया। सभी ने विधिक सेवा से जुड़ी अपनी-अपनी जिम्मेदारियों और अनुभवों को साझा करते हुए योजना के क्रियान्वयन में सक्रिय भागीदारी की बात कही।
‘जागृति योजना 2025’ पर विस्तार से हुई चर्चा
कार्यशाला के दौरान ‘जागृति (न्याय जागरूकता हेतु जमीनी स्तर पर सूचना एवं पारदर्शिता पहल)’ योजना 2025 के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की गई। सचिव रूपा बंदना किरो ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य है— गांवों और शहरों में आम जनता को न्यायिक सेवाओं के प्रति जागरूक बनाना और उनके अधिकारों की जानकारी देना।
विधिक जागरूकता के लिए अपनाए जाएंगे रचनात्मक उपाय
कार्यशाला में यह निर्णय लिया गया कि जागरूकता फैलाने के लिए रचनात्मक और प्रभावशाली माध्यमों का उपयोग किया जाएगा, जैसे:
- पोस्टर और बैनर के जरिए लोगों को उनके कानूनी अधिकारों और सेवाओं की जानकारी देना।
- नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से सरल और संवादात्मक तरीके से कानूनी जानकारी पहुंचाना।
- विद्यालयों में चित्रकला प्रदर्शन आयोजित कर बच्चों के माध्यम से समाज में न्यायिक चेतना का विस्तार करना।
ग्राम सभाओं के माध्यम से गांव-गांव पहुंचेगी जागरूकता
योजना के तहत ग्राम स्तर पर सभा आयोजित की जाएगी, जहां स्थानीय नागरिकों को न्यायिक सेवाओं तक पहुंचने में मदद की जाएगी। इन्हीं सभाओं के माध्यम से उनकी कानूनी समस्याएं सुनी जाएंगी, समाधान सुझाए जाएंगे, और उन्हें विधिक सहायता प्राप्त करने की प्रक्रिया बताई जाएगी।
सामुदायिक स्तर पर सक्रिय भागीदारी की अपील
कार्यशाला के दौरान सचिव ने यह भी निर्देश दिया कि समुदाय के सभी वर्गों को इस योजना में शामिल किया जाए, ताकि वे न्यायिक सेवाओं का लाभ लेने के लिए जागरूक और सशक्त बन सकें। लोगों को न केवल सूचना देना, बल्कि उन्हें विधिक प्रणाली से जोड़ना, इस योजना का मूल लक्ष्य है।
न्यायिक पारदर्शिता और जनहित की दिशा में अहम पहल
‘जागृति योजना 2025’ को न्यायिक पारदर्शिता और सूचना के अधिकार को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस पहल से न केवल न्यायिक सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी, बल्कि आम नागरिकों में विधिक समझ और अधिकारों के प्रति सजगता भी विकसित होगी।
📌 पीडीजे शेष नाथ सिंह के निर्देश में आयोजित यह कार्यशाला न्यायिक सेवाओं को आम जनता तक पहुंचाने और विधिक अधिकारों को लेकर जन-जागरूकता फैलाने की दिशा में अत्यंत प्रभावी प्रयास है। यह पहल आने वाले दिनों में जिले के सामाजिक और विधिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।