झालसा के निर्देश पर हुआ विशेष सफाई कार्यक्रम
पाकुड़। रविवार की सुबह माननीय झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) के निर्देश एवं मार्गदर्शन पर पाकुड़ व्यवहार न्यायालय स्थित डीएलएसए भवन परिसर में एक विशेष सफाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डीएलएसए अध्यक्ष शेषनाथ सिंह की अध्यक्षता में सुबह 8:00 बजे से 11:30 बजे तक चला।
न्यायिक अधिकारियों और कर्मियों की संयुक्त भागीदारी
सफाई अभियान में न्यायालय के न्यायिक अधिकारी, पदाधिकारी और कर्मीगण ने संयुक्त रूप से हिस्सा लिया। परिसर में हर जगह संपूर्ण सफाई की गई ताकि यहां आने वाले मुदालय (वादी-प्रतिवादी) और अधिवक्ताओं को एक स्वच्छ, सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण मिल सके।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश का संदेश
इस अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेषनाथ सिंह ने कहा कि न्यायालय परिसर में प्रतिदिन कर्मियों द्वारा परिसर को स्वच्छ वातावरण प्रदान करने के लिए जी-तोड़ मेहनत की जा रही है। आज सफाई अभियान के दूसरे दिन भी सभी ने पूरा उत्साह और समर्पण दिखाया। उन्होंने बताया कि न्यायिक पदाधिकारी स्वयं इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, जिससे स्वच्छता की मिसाल कायम हो रही है।
सभी ने मिलकर बनाया अभियान को सफल
न्यायालय के समस्त कर्मी और पीएलवी (पैरालीगल वॉलंटियर्स) एकजुट होकर इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटे रहे। सभी ने मिलकर परिसर को कचरा मुक्त और साफ-सुथरा बनाने के लिए मेहनत की। इस संयुक्त प्रयास से न केवल परिसर की सुंदरता बढ़ी, बल्कि आने वाले दिनों के लिए एक स्वच्छ कार्यस्थल का भी संदेश दिया गया।
अभियान में शामिल प्रमुख हस्तियां
इस अवसर पर प्रमुख रूप से प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय सुधांशु कुमार शशि, जिला जज प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजीत चंद्र, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल मांझी, डीएलएसए सचिव रूपा बंदना किरो, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सदिश उज्जवल बेक उपस्थित रहे।
इसके अलावा न्यायालय के कर्मियों में राघवेंद्र ठाकुर, कामेश्वर दास, रणजीत कुमार, मनोज श्रीवास्तव, रणजीत हेंब्रम तथा पीएलवी में कमला राय गांगुली, रानी साहा, उत्पल मंडल सहित कई अन्य सक्रिय रूप से उपस्थित रहे और सफाई कार्य में योगदान दिया।
स्वच्छता की ओर एक बड़ा कदम
यह अभियान केवल एक दिन की सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि न्यायालय परिसर को स्थायी रूप से स्वच्छ और स्वस्थ बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस तरह की पहल न केवल न्याय व्यवस्था की गरिमा को बनाए रखती है, बल्कि स्वच्छ भारत अभियान के उद्देश्यों को भी आगे बढ़ाती है।
अभियान की पृष्ठभूमि और उद्देश्य
इस सफाई अभियान का उद्देश्य केवल परिसर की साफ-सफाई नहीं, बल्कि न्यायालय में आने वाले हर व्यक्ति को सम्मानजनक और स्वच्छ माहौल उपलब्ध कराना है। इसके जरिए न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और गरिमा को बनाए रखने के साथ-साथ नागरिकों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता भी फैलती है।
प्रेरणादायक नारे
- “स्वच्छ न्यायालय, स्वस्थ समाज”
- “जहां न्याय, वहां स्वच्छता”
- “साफ-सुथरा परिसर, न्याय की सही मिसाल”