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आदित्य आनंद/गोड्डा. आपने बचपन में अपने घर के आस-पास के किराने की दुकानों में बिकने वाली कई अलग-अलग प्रकार की चूरन और खट्टी मीठी चॉकलेट और लेमनचूस जरूर खाया होगा. बदलते समय में अब वो दुकानों में शायद ही कहीं मिलते हों, लेकिन झारखंड के गोड्डा के ऊर्जानगर शिल्प उत्सव मेला में बिकने आई चूरन और खट्टी-मीठी चॉकलेट आपको बचपन में ले जाएगी और मन में उसकी खट्टी-मीठी यादों को ताजा कर देगी. शिल्प मेले के एक स्टॉल में 100 से अधिक प्रकार के चूरन व चॉकलेट मिल रहे हैं. बच्चे इसको काफी पसंद कर रहे हैं.
स्टॉल के संचालक रघु प्रसाद ने बताया कि वो जयपुर से आए हैं. वो कोलकात्ता, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से आइटम खरीद कर लाते हैं. वो देश के अलग-अलग राज्यों में लगने वाले विभिन्न मेले में स्टॉल लगा कर इसकी बिक्री करते हैं. चूरन और चॉकलेट के अलावा उनके स्टॉल पर यहां 22 प्रकार का खट्टा-मीठा हाजमोला और लगभग 20 प्रकार के माउथ फ्रेशनर उपलब्ध हैं.
उन्होंने बताया कि इस चूरन, चॉकलेट और माउथ फ्रेशनर में किसी भी प्रकार का कोई रसायनिक पदार्थ (केमिकल) नहीं मिलाया जाता है. लिहाजा इसको खाने के कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं. उनके यहां 10 रुपये से लेकर 30 रुपये तक के अलग-अलग दाम के चाकलेट के पैकेट. वहीं, 10 रुपये और 20 रुपये के दर में चूरन. 10 रुपये से लेकर 40 रुपये में हाजमोला और 50 रुपये कीमत में माउथ फ्रेशनर का पैकट है.
स्टॉल पर आए ग्राहक विशाल कुमार ने बताया कि वो हर सामान का एक-एक पैकेट खरीद रहे हैं. उन्होंने यहां से करीब 300 रुपये की खरीदारी की है. उन्होंने बताया कि वो ईसीएल में काम करते हैं. बचपन में वो गिरिडीह में अपने गांव में इस तरह के चूरन खाया करते थे. शिल्प मेले में इसको देख कर उन्हें अपना बचपन याद आ गया इसीलिए उन्होंने हर एक सामान की एक-एक पोटली खरीदी है.
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Tags: Food 18, Godda news, Jharkhand news, Local18
FIRST PUBLISHED : July 03, 2023, 16:38 IST
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