Saturday, May 10, 2025
HomePakur10,588 वादों का हुआ निपटारा: राष्ट्रीय लोक अदालत में 9.41 करोड़ रुपए...

10,588 वादों का हुआ निपटारा: राष्ट्रीय लोक अदालत में 9.41 करोड़ रुपए का समझौता, न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद ने किया वर्चुअल उद्घाटन

देश प्रहरी की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें

झारखंड हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति ने किया वर्चुअल उद्घाटन

राष्ट्रीय लोक अदालत का वर्चुअल उद्घाटन झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं झालसा रांची के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) के निर्देशानुसार आयोजित किया गया, जिसमें पाकुड़ जिला विधिक सेवा प्राधिकार की प्रमुख भूमिका रही।


विधिक सेवा प्राधिकरण के सभागार में आयोजित हुआ कार्यक्रम

राष्ट्रीय लोक अदालत कार्यक्रम का आयोजन पाकुड़ जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सभागार में किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, शेष नाथ सिंह ने की। इस अवसर पर सभी न्यायिक पदाधिकारी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। कार्यक्रम में आम जनता, बैंक अधिकारियों, एवं अन्य विभागीय प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया और लोक अदालत के माध्यम से मिलने वाले कानूनी लाभों की जानकारी प्राप्त की।


कानूनी समाधान के लिए लोक अदालत बनी प्रभावी मंच

इस विशेष राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल आठ बेंचों का गठन किया गया था, जिनमें विभिन्न प्रकृति के मामलों को सुनवाई के लिए प्रस्तुत किया गया। लोक अदालत के माध्यम से एक दिन में ही 10,588 वादों का निष्पादन किया गया, जो कि एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। यह पहल आम जनता को जल्द न्याय और मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम साबित हुई।


समझौते की रकम पहुंची 9.41 करोड़ रुपए से अधिक

इस राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान मामलों का निपटारा आपसी सहमति और समझौते के आधार पर किया गया। निष्पादित वादों के अंतर्गत कुल 9 करोड़ 41 लाख 6 हजार 598 रुपए की राशि का समझौता हुआ, जिससे लाभान्वित पक्षकारों को आर्थिक राहत मिली। इससे स्पष्ट होता है कि लोक अदालत जैसे मंच केवल विवाद समाधान का जरिया नहीं बल्कि वित्तीय मामलों में भी न्यायिक सहूलियत प्रदान कर रहे हैं।


उपस्थित रहे कई न्यायिक अधिकारी और अधिवक्ता

इस अवसर पर कई गणमान्य न्यायिक पदाधिकारी एवं बार के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इनमें प्रधान न्यायाधीश, कुटुंब न्यायालय सुधांशु कुमार शशि, अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार, क्रांति प्रसाद, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह प्रभारी सचिव विशाल मांझी, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सदिश उज्जवल बेक, और प्रभारी न्यायाधीश विजय कुमार दास शामिल थे। इसके अतिरिक्त बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मो. मोहिउद्दीन सहित अन्य अधिवक्ताओं और विभागीय अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी रही।


न्यायपालिका की पहुंच आमजन तक

राष्ट्रीय लोक अदालत जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से न्यायपालिका की पहुंच आम जनता तक सुनिश्चित की जाती है। इसमें मामलों का त्वरित निपटारा होता है और आम नागरिकों को बिना अधिक खर्च के न्याय उपलब्ध होता है। इस तरह की पहल न्याय प्रणाली को अधिक प्रभावी, सुलभ और जनसरोकार से जुड़ी बनाती है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments