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जमुई. बिहार पुलिस को साइबर क्राइम करने वाले शातिरों के खिलाफ अहम कामयाबी मिली है. मामला जमुई जिला से जुड़ा है जहां पुलिस ने छापेमारी कर छत्तीसगढ़ के रहने वाले पांच साइबर अपराधियों को गिराफ्तार किया है. ये सभी इंटरनेट के माध्यम से फर्जी वेबसाइट और एप्लिकेशन के सहारे क्रिकेट का ऑनलाइन गेम करवाते हुए देश के कई हिस्से के लोगों से ठगी करने और हवाला के माध्यम से कालाधन का आदान प्रदान करते थे.
गिरफ्तार साइबर फ्रॉड का तार यूएसए और यूनाइटेड किंगडम से जुड़ा है. पुलिस के अनुसार गिरफ्तार अपराधी का बॉस कोई माइकल रेड्डी है. गिरफ्तार लोगों के पास से 15 मोबाइल, तीन लैपटॉप, 16 चेकबुक और पासबुक, 14 एटीएम और बैंक खाते में 9 लाख रुपये बरामद हुआ है. सूचना के आधार पर पुलिस ने शहर के एक अपार्टमेंट में छापेमारी की थी जहां से 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने जब जांच शुरू की तब पता चला कि यह एक ऐसा गिरोह है जो इंटरनेट के माध्यम से फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों से ऑनलाइन गेम खेलना पैसे की ठगी करता था.
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पुलिस ने यह बताया कि जांच में यह बात सामने आई है कि इस गिरोह का बॉस दुबई अमेरिका या इंग्लैंड में भी बैठा हो सकता है. पुलिस के अनुसार इस गिरोह ने लगभग 50 लाख रुपए का लेनदेन ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से किया है, साथ ही यह विरोध हवाला के माध्यम से काले धन का आदान-प्रदान भी करता है, जिसके लिए ये लोग फर्जी खाता का प्रयोग किया गया है. मामले में पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिन लोगों का बैंक खाता का उपयोग किया गया है वो सारे भाड़े का है.
जिन अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है उनका नाम शंकर कुमार, आनंद कुमार, संदीप कुमार, सोनू कुमार और हर्ष कुमार बताया गया है. ये सभी छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला के रहने वाले हैं. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार माइकल रेड्डी के सहयोगी अनिल साव जो कि भिलाई में रहता है, उसके संपर्क में आने के बाद यह पांचो साइबर अपराधी जमुई पहुंचे थे. पुलिस ने बताया कि इन साइबर अपराधियों को 15 हजार महीना का वेतन दिया जाता है. पुलिस का यही मानना है कि माइकल रेडी नाम का जो शख्स है वही इन लोगों का बॉस है.
पुलिसिया छानबीन के अनुसार जो बात सामने आई है, उसमें यह गिरोह क्रिकेट के ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनाता था. पेमेंट इन लोगों के मोबाइल और अकाउंट में जब रिसीव हो जाता था, तब उन्होंने इंफॉर्मेशन लिया जाता था, फिर कस्टमर या फिर जो प्लेयर है तो आईडी उपलब्ध कराया जाता था, उसी आईडी से कस्टमर या प्लेयर गेम प्ले करते थे. हारने पर पैसा कंपनी को जाता था तथा कस्टमर के जीतने पर पैसा उसके अकाउंट में दिया जाता था. कई बार जीत की रकम ज्यादा होने पर कस्टमर या प्लेयर को कहने पर उन्हें हवाला के माध्यम से दिया जाता था.
इस मामले में एसडीपीओ राकेश कुमार ने बताया कि यह गिरोह शहर के एक अपार्टमेंट में कुछ दिनों से रह रहा था, सूचना के आधार पर छापेमारी की गई, यहां से पता चला कि फर्जी वेबसाइट पर फर्जी तरीके से ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से आम लोगों को प्रलोभन देते हुए सुनियोजित रूप से ऑनलाइन गेम के जरिए हवाला के माध्यम से काले धन का आदान प्रदान करता था. इसमें फर्जी सिम और फर्जी खाता का उपयोग किया गया जो गैरकानूनी है. पुलिस गिरोह के मेन माइकल रेडी की तलाश में जुटी है.
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Tags: Bihar News, Crime News, Cyber Crime, Jamui news
FIRST PUBLISHED : June 24, 2023, 20:27 IST
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