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कोलकाता, 28 सितम्बर (आईएएनएस)। झारखंड के पाकुड़ जिले के झरिया में एक आवासीय विद्यालय के लगभग 150 छात्रों को, जो बंगाल-बिहार सीमा के करीब है, पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
छात्रों को बुधवार रात को भर्ती कराया गया क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर रात का खाना खाने के बाद बेचैनी महसूस करने की शिकायत की थी।
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट स्थित रामपुरहाट सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाए गए सभी स्कूली बच्चे कथित तौर पर खतरे से पूरी तरह बाहर हैं। अस्पताल के अधिकारियों का मानना है कि यह बीमारी असल में फूड प्वाइजनिंग से ज्यादा घबराहट की वजह से हुई थी।
दरअसल स्कूल प्रशासन ने अस्पताल प्रशासन को बताया है कि कुछ छात्रों ने रात का खाना खाने के बाद पेट में बेचैनी और उल्टी की शिकायत की। फिर एक छात्र ने दावा किया कि उसने रात के खाने के एक बर्तन में छिपकली का अंग देखा था और उस दावे के बाद कुछ अन्य छात्रों ने भी पेट में बेचैनी और उल्टी की प्रवृत्ति की ऐसी ही शिकायत की।
यह देखते हुए कि छिपकली के अंग अत्यधिक जहरीले होते हैं और बड़े खतरे का कारण बन सकते हैं, स्कूल अधिकारी जोखिम नहीं लेना चाहते थे। उन्होंने तुरंत रामपुरहाट सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अधिकारियों से संपर्क किया, क्योंकि यह आवासीय विद्यालय के सबसे करीब है और सभी 150 छात्रों को अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में प्रवेश की व्यवस्था की।
हालांकि, जिन छात्रों ने मुख्य रूप से रात के खाने के बाद पेट में बेचैनी और उल्टी की प्रवृत्ति की शिकायत की, उन्हें गुरुवार सुबह तक निगरानी में रखा गया है।
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