पाकुड़। विकास परिषद अमडापाड़ा द्वारा क्रिया के सहयोग से आयोजित 16 दिवसीय अभियान के अंतर्गत प्रखंड स्तरीय परामर्श बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक प्रखंड सभागार, अमडापाड़ा में आयोजित हुई। इस अभियान का मुख्य मुद्दा जेंडर आधारित हिंसा (GBV) के खिलाफ एकजुटता है।
कार्यक्रम का उद्घाटन और उद्देश्यों की चर्चा
कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रमोद कुमार गुप्ता, महिला एवं बाल विकास परियोजना की एल.एस. मोनिका कुमारी, अमडापाड़ा थाना के सहायक पुलिस निरीक्षक अबिदन बारला, डुमरचीर पंचायत की मुखिया रामी पहाड़िन, जराकी पंचायत समिति सदस्या मति मुर्मू और पारा लिगल वॉलंटियर पार्वती मुर्मू ने किया।
इस मौके पर फुलमुनी सोरेन ने कहा कि हर वर्ष क्रिया के सहयोग से इस अभियान का आयोजन किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य हिंसा मुक्त समाज की स्थापना करना और महिलाओं को सम्मानजनक नजरिए से देखे जाने के महत्व को बढ़ावा देना है।
हिंसा मुक्त समाज की दिशा में प्रयास
प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रमोद कुमार गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि समाज में जागरूकता बढ़ाने और महिला हिंसा, डायन प्रथा जैसी कुरीतियों पर रोक लगाने के लिए सरकार और सामाजिक संगठनों को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिला हेल्पलाइन 1091 और चाइल्ड हेल्पलाइन 112/1098 को गांव-गांव तक पहुंचाना और जागरूकता फैलाना जरूरी है। इससे समाज में गैर-बराबरी और हिंसा पर रोक लगाई जा सकेगी।
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महिला सशक्तिकरण योजनाओं की जानकारी
महिला एवं बाल विकास परियोजना की एल.एस. मोनिका कुमारी ने कहा कि सरकार ने महिलाओं और किशोरियों के सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इनमें सावित्रीबाई फुले योजना, लक्ष्मी लाडली योजना, सुकन्या योजना, मातृ वंदना योजना और मुख्यमंत्री मइया सम्मान योजना शामिल हैं। इन योजनाओं के माध्यम से महिलाएं और किशोरियां आत्मनिर्भर होकर प्रगति की ओर बढ़ रही हैं।
महिलाओं की एकजुटता पर जोर
डुमरचीर पंचायत की मुखिया रामी पहाड़िन ने कहा कि महिलाओं को हिंसा के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठानी होगी। तभी पंचायत हिंसा मुक्त होगा और समाज में समानता की भावना विकसित होगी। पारा लिगल वॉलंटियर पार्वती मुर्मू ने कहा कि वंचित, शोषित और पीड़ित महिलाओं को कानूनी सहायता प्रदान करने और उनके लिए जागरूकता फैलाने का काम किया जा रहा है।
सुरक्षा और त्वरित कार्रवाई का आश्वासन
अमडापाड़ा थाना के सहायक पुलिस निरीक्षक अबिदन बारला ने आश्वासन दिया कि पुलिस के संज्ञान में आए महिला हिंसा के मामलों पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी। जेंडर रिसोर्स सेंटर की प्रभारी रेशमी किस्कू ने कहा कि जब तक लड़कियों को शिक्षा से नहीं जोड़ा जाएगा और वे अपने अधिकारों को नहीं पहचानेंगी, तब तक समाज में भेदभाव जारी रहेगा।
प्रेरणादायक केस स्टडी की प्रस्तुति
इस अवसर पर 6 प्रेरणादायक केस स्टडी प्रस्तुत किए गए। इनमें उन महिलाओं की कहानियां साझा की गईं, जिन्होंने हिंसा का सामना कर समाज में एक अलग मुकाम हासिल किया और अब अपने गांव का नेतृत्व कर रही हैं।
कार्यक्रम की सफलता में सहयोगियों की भूमिका
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जसींता मिंज, फुलमुनी सोरेन, मार्टिना हैम्ब्रम, मिनी सोरेन, अनिता मरांडी, सुरुज, धनी, पानसुरी, प्रेलतला, सुहागिनी और मेनसुरी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
16 दिवसीय यह अभियान जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ समाज को जागरूक और सशक्त बनाने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है।