रांची. झारखंड की राजधानी रांची में सुसाइड की दो घटनाएं हुई है. सुसाइड की ये घटना एक ही दिन दो अलग-अलग थाना क्षेत्रों में हुई जहां दो व्यक्तियों ने आत्महत्या की. दोनों कुछ परेशानियों के कारण डिप्रेशन के शिकार थे जिस कारण उन्होंने आत्महत्या की. जनकारी के अनुसार बरियातू थाना क्षेत्र मे मौत को गले लगाने वाले व्यवसायी थे जिन्होंने कर्ज से परेशान होकर जान दे दी तो पुनदाग ओपी इलाके मे आत्महत्या की राह चुनने वाले मृतक बेटी की बीमारी से परेशान थे.
आत्महत्या की घटना रांची के पुनदाग इलाके की है जहां सपन कुमार राउत का शव उनके ही कमरे में फंदे से झूलता मिला. सपन कुमार उड़ीसा के रहने वाले थे और अपनी दो वर्षीय वर्षीय बेटी की बीमारी से काफी परेशान रहते थे. सपन कुमार के द्वारा अपने कमरे में एक सुसाइड नोट भी छोड़ा गया है जिसमें लिखा गया है कि वह अपनी मासूम बेटी बीमारी से बहुत परेशान हैं. अपनी बेटी की तकलीफ को और वह नहीं देख सकते इसलिए अपनी जान दे रहे हैं. बता दें कि सपन रांची में पीजीसीएल में टेक्नीशियन के पद पर काम करते थे. सपन के आत्महत्या की सूचना परिजनों के द्वारा पुलिस को दी गई.
इसके बाद पुनदाग ओपी की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रिम्स में भेजा. परिवार वालों के द्वारा सपन की मौत को लेकर यूडी केस दर्ज किया गया है. वही एक और मामला बुधवार को ही बरियातू थाना क्षेत्र मे सामने आया जहां एक व्यवसायी का शव उसके ही कमरे मे झूलता मिला. आत्महत्या का ये मामला रांची के बरियातू थाना क्षेत्र के टैगोर हिल रोड का है. यहां एक अपार्टमेंट में रहने वाले कपड़ा कारोबारी विकास बुधिया ने अपने ही कमरे में दुपट्टे का फंदा बनाकर अपनी जान दे दी.
उनकी पत्नी ने ही शव को देखा. विकास खिड़की में ही दुपट्टे के सहारे लटके पड़े थे. परिवार वालों के द्वारा ही उन्हें फंदे से नीचे उतारा गया लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. मृतक विकास की पत्नी नम्रता बुधिया के द्वारा पुलिस को मामले की सूचना दी गई, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया. विकास के परिवार वालों के अनुसार उनका रांची के अपर बाजार में एक कपड़े का दुकान है. कपड़ा दुकान को और बेहतर बनाने के लिए विकास ने कई बैंकों से लोन ले रखा था साथ ही कई लोगों से पैसा भी उधार लिया था.
जिन लोगों से विकास ने पैसा लिया था वह लोग पैसे के लिए लगातार दबाव बना रहे थे. पैसा नहीं होने की वजह से विकास कर्ज नहीं चुका पा रहे थे, जिस कारण वो डिप्रेशन मे थे और उसी कारण से उन्होंने आत्महत्या की.
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