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अभिनव कुमार/दरभंगा.आखिरकार लोगों की मेहनत रंग लाई और परिवार से बिछड़ा बेटा लंबे समय के बाद अपने परिजनों से मिला.दरअसल, मामला दरभंगा जिले के केवटी प्रखंड का है, जहां के पिंडरूच पंचायत के शाहपुर डीह पोस्तापुर गांव निवासी रामकिशोर यादव का दिव्यांग पुत्र मंटू कुमार अपने परिजनों से बिछड़ गया था. वहना ठीक से चल सकता है, ना बोल सकता है और ना ही सुन सकता है., लेकिन जब कई स्तरों से बालक की खोज की गई, तो वह उड़ीसा में बरामद हुआ.
दरअसल, वर्ष 2017 में दिव्यांग मिंटू संदेहास्पद तरीके सेउड़ीसा के कोंझा जिला पहुंच गया था. वहां मिंटू को भटकता देख किसी ने बाल कल्याण समिति को सुपुर्द कर दिया. इधर, मिंटू के पिता रामकिशोर यादव अपने बेटे को ढूंढने में लगे हुए थे. इस बीच वर्ष 2020 में वे बाल कल्याण समिति दरभंगा के अध्यक्ष विरेंद्र कुमार से मिले. उन्हीं दिनों वीरेंद्र कुमार को पता चला कि मिंटूकोंझा के बाल कल्याण समिति के संरक्षण में है. इसके बाद से उसे वापस घर लाने की कवायद शुरू कर दी गई.जब परिजन वहां गए, तो बीते दिनों मिंटू को लेकर आए.
तीन साल से किया जा रहा था प्रयास
दरभंगा बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष विरेंद्र कुमार ने बताया कि जिस वक्त चंद्रशेखर दादा बाल कल्याण समिति कोंझाके अध्यक्ष हुआ करते थे, उस वक्त हमने उनसे समन्वय स्थापित किया था. वर्ष 2020 में पहली बार हमने एसआईआर सोशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट वहां भेजा, लेकिन लॉक डाउन होने की वजह से युवक अपने परिजन से नहीं मिल सका. फिर 2 फरवरी 2021 को हमने सोशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट उड़ीसा के कोंझाबाल कल्याण समिति अध्यक्ष को भेजा, लेकिन पता नहीं वह ऐसा क्यों कर रहे थे जो युवक को दरभंगा नहीं भेज रहे थे. 18 अगस्त 2021 को मैंने फिर से एसआईआर रिपोर्ट उन्हें भेजा, इसके बावजूद वहां से उस बच्चे को नहीं भेजा गया. अंत में मैंने उस युवक के परिजनों से कहा या तो मैं टिकट बना दूं या आप खुद से वहां चले जाएं और अपने बच्चे को लेकर आ जाएं. हालांकि 2021 और 23 के बीच में हर तीन चार महीने पर हमारी बात वहां के अधिकारियों से होती रही, लेकिन बार-बार टालमटोल होता रहा.
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Tags: Bihar News, Darbhanga news, Local18
FIRST PUBLISHED : July 15, 2023, 14:57 IST
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