अयोध्या: क्या आप जानते हैं भारत में विश्व का सबसे ऊंचे शिवलिंग की स्थापना होने जा रही है, जिसका कनेक्शन धर्मनगरी अयोध्या से है. दरअसल, रामलला के परिसर में स्थित अमावा मंदिर ट्रस्ट के द्वारा विश्व के सबसे ऊंचे शिवलिंग को बिहार के पूर्वी चंपारण में स्थापित किया जाएगा.
महावीर मंदिर पटना ट्रस्ट और अमावा मंदिर के सचिव पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल का दावा है कि पूर्वी चंपारण में विश्व के सबसे ऊंचे शिवलिंग की स्थापना 2025 में कराई जाएगी, जिसकी तैयारियां युद्ध स्तर पर शुरू हो गई हैं. भगवान राम के परिसर में स्थित अमावा मंदिर का वैभव भारत के मानचित्र पर है.
कुछ ऐसा ही नजारा महावीर मंदिर पटना ट्रस्ट का है. देश के दूसरे सबसे बड़े कैंसर इंस्टीट्यूट की भी स्थापना का सौभाग्य किशोर कुणाल को मिल चुका है. ऐसे में भगवान राम की नगरी से निकलकर मां सीता की जन्मस्थली पर विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग बिहार के पूर्वी चंपारण का नाम ऊंचा करेगा.
210 मीट्रिक टन का होगा शिवलिंग
इतना ही नहीं, पूर्वी चंपारण में ही किशोर कुणाल के द्वारा विराट रामायण मंदिर की भी स्थापना की जाएगी, जहां रामायण काल से जुड़े 22 और मंदिर परिसर में अलग-अलग बनाए जाएंगे. यानी यहां रामायण की झलक विराट रामायण मंदिर में देखने को मिलेगी. इतना ही नहीं 2025 के सावन माह में शिवरात्रि के मौके पर विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग की स्थापना भी इसी विराट रामायण मंदिर में की जाएगी. बिहार के पूर्वी चंपारण में विराट रामायण मंदिर बनाया जा रहा है. उसी मंदिर में विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग भी स्थापित होगा, जो महाबलीपुरम में 210 मीट्रिक टन वजन के काले ग्रेनाइट पत्थर से बनाया जाएगा.
33 फीट होगी ऊंचाई
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि इस मंदिर का नाम रामायण विराट मंदिर है. यह मंदिर लगभग 120 एकड़ जमीन पर बनाया जा रहा है. अयोध्या से जनकपुर जो राम जानकी पथ का निर्माण किया जा रहा है, उसी पथ पर बनाया जा रहा है. बताया, 270 फीट ऊंचा 540 फीट चौड़ा 1080 फीट लंबा मंदिर बनाया जा रहा है. इतना ही नहीं, यहां 22 मंदिर अलग-अलग बनाए जाएंगे, जिनके 12 शिखर हैं और दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग भी यहीं स्थापित होगा. शिवलिंग की ऊंचाई 33 फीट और 33 फीट गोलाई भी है, जो ब्लैक ग्रेनाइट की बनेगी. इसका वजन 210 मीट्रिक टन है. 2025 में सावन की शिवरात्रि में शिवलिंग की स्थापना की जाएगी
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