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भास्कर ठाकुर/सीतामढ़ी: रीगा चीनी मिल सीतामढ़ी और शिवहर सहित आस-पास के जिलों के किसानों की जिंदगी का लंबे अर्से तक आधार रहा है, लेकिन मिल प्रबंधन की मनमानी तथा सरकार और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता की वजह से मिल घाटे में जाती रही.
मिल प्रबंधन ने सैकड़ों किसानों को केसीसी लोन दिलाकर उन्हें कर्जदार बनाया. प्रबंधन के खिलाफ लगातार मामले दर्ज होते रहे. इसी बीच फरवरी 2020 में सीएमडी ओपी धानुका ने मिल चलाने से इनकार कर दिया और मिल पर ताला लटक गया. रीगा चीनी मिल सीतामढ़ी और शिवहर के गन्ना किसानों के जीवन का आधार है. चीनी मिल बंद होने से गन्ने का उत्पादन प्रभावित हो रहा है. मिल के दोबारा शुरू होने से किसानों को राहत मिलेगी. गन्ने की खेती को भी बढ़ावा मिलेगा.
वर्ष 2020 से बंद है रीगा चीनी मिल
वर्तमान में रीगा चीनी मिल का अधिग्रहण ओमप्रकाश धनुका के हाथों में है. शुर- शुरू में उन्होंने चीनी मिल की उत्पादन क्षमता 60 हजार क्विंटल तक पहुंचा दिया था. लेकिन 2020 में इस चीनी मिल को व्यवस्था की नजर लग गई और तब से इस चीनी मिल पर ताला लगा हुआ है. घाटे में चल रही रीगा चीनी मिल में पेराई 2020 से बंद है.
पहले मिल की पेराई क्षमता 35 से 40 लाख टन गन्ने की थी. यह घटकर 15 लाख टन रह गई. ऐसे में मिल को 15 से 20 करोड़ का घाटा होने लगा. यही वजह है कि मिल के सीएमडी ओपी धानुका ने 23 दिसंबर 2020 को सरकार को पत्र भेजकर वित्तीय समेत अन्य परेशानियों के कारण मिल का परिचालन करने से हाथ खड़ा कर दिया.
केसीसी जारी कर किसानों को बना दिया कर्जदार
भुगतान का दबाव होने पर मिल ने 12 हजार किसानों के नाम पर केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) जारी कर 80 करोड़ का कर्जदार बना दिया. मामले को लेकर 22 अगस्त 2020 को गन्ना उद्योग विभाग की ओर से चीनी मिल के सीएमडी ओपी धानुका और वाणिज्य महाप्रबंधक आरके पांडे के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया.
इसमें चीनी मिल पर धोखाधड़ी कर 12 हजार किसानों को बैंक का कर्जदार बनाए जाने और किसानों के बकाया भुगतान के नाम पर 80 करोड़ रुपये की निकासी का आरोप लगाया गया. आपको बताते चले कि कंपनी के दिवालिया घोषित होने के बाद से मामला नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल कोर्ट में चल रहा है, जो आज तक लंबित ही है.
25 हजार किसानों का 69 करोड़ है बकाया
रीगा चीनी की वजह से आस-पास का इलाका गन्ना उत्पादन के लिए जाना जाता था.रीगा चीनी मिल बंद होने की वजह से अब गन्ने की खेती बंद हो गया. किसान आज भी इंतजार कर रहे है की कब चीनी मिल को दोबारा चालू किया जाएगा. चीनी मिल पर 25 हजार किसानों के गन्ना मूल्य का 69 करोड़ बकाया है. जो ब्याज समेत बढ़कर अब यह राशि 80 करोड़ हो गई है. वहीं 1200 मिल कर्मी व मजदूरों के वेतन-बोनस व ओवरटाइम का 12 करोड़ है. 12 हजार किसानों के नाम केसीसी लोन का 80 करोड़ है, जो ब्याज समेत 125 करोड़ हो गया है.
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FIRST PUBLISHED : July 17, 2023, 22:27 IST
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