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गुलशन कश्यप/जमुई. जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जन्मस्थली क्षत्रियकुंड जन्म स्थान जाने की योजना बना रहे हैं, तो उस से पहले यह खबर एक बार जरूर पढ़ लें. क्योंकि ऐसा ना हो कि आपको आधे रास्ते से लौटना पड़ जाए. भगवान महावीर की जन्मस्थली जाने वाले रास्ते पर बना एक पुल बारिश के दौरान टूट गया है. इस कारण यात्रा करना खतरे से खाली नहीं है. इतना ही नहीं, अगर आप इस रास्ते से गए तो आपको बीच जंगल से लौटना पड़ सकता है और आपकी यात्रा पूरी नहीं हो सकती है. ऐसे में हम आपको बताएंगे कि आप किन रास्तों का इस्तेमाल कर भगवान महावीर के जन्म स्थान तक पहुंच सकते हैं.
खैरा प्रखंड क्षेत्र के रजला गांव में बना भगवान महावीर का विश्व स्तरीय मंदिर जैन धर्मावलंबियों के बीच काफी प्रसिद्ध है. बड़ी संख्या में जैन तीर्थ यात्री हर साल यहां आते रहते हैं. लेकिन खैरा के गढ़ी डैम से होकर जाने वाले रास्ते पर बना पुल बारिश के दौरान टूट गया. पुल के बीचो-बीच गड्ढा बन गया है. जबकि दोनों किनारे से ढह गया है. इसके नीचे बड़ा दरार भी बन गया है, जो खतरे का संकेत दे रहा है. हालांकि ग्रामीणों के द्वारा उन गड्ढों में लकड़ी खड़ा कर दिया गया है, जिससे दूर से ही पुल के टूटे होने का पता तो चल जाता है. लेकिन इस पर गाड़ी ले जाना खतरे से खाली नहीं है.
किस रास्ते से होकर जाएं
क्षत्रिय कुंड तक पहुंचने के लिए जमुई जिले के खैरा और सिकंदरा प्रखंड क्षेत्र से दो रास्ते हैं. जिसमें पहला रास्ता गढ़ी से होकर जाता है, जबकि दूसरा रास्ता सिकंदरा के लछुआर से पहाड़ों के बीच से होकर यहां तक पहुंचता है. गढ़ी से जन्म स्थान की दूरी करीब 10 किलोमीटर है और डैम से होकर जाने वाले रास्ते पर बना पुल टूट गया है. लेकिन अगर आप गढ़ी तक पहुंच गए तो हरखार, चननवर और दीपकरहर के रास्ते भी जन्म स्थान तक पहुंच सकते हैं. जबकि लछुआर से पहाड़ों के रास्ते भी आप यहां पहुंच सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : July 20, 2023, 14:04 IST
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