झारखंड के 49 नगर निकायों में चुनाव कराने की राह प्रशस्त हो गई है. राज्यपाल ने नगर निकायों में मेयर और अध्यक्ष पदों के लिए एकल आरक्षण से संबंधित झारखंड सरकार द्वारा विधानसभा में पारित कराए गए संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है.
राज्य सरकार ने नगरपालिका (संशोधन) विधेयक-2022 को पिछले साल ही राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा था. माना जा रहा है कि अब राज्य सरकार द्वारा नए कानून को नोटिफाई किए जाने के बाद चुनाव की प्रक्रिया शुरू कराई जा सकती है.
कब तक होंगे चुनाव ?
नए नियमों के अनुसार अब नगर निगमों, नगरपालिकाओं और अन्य नगर निकायों में मेयर या अध्यक्ष पद के लिए एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण का निर्धारण राज्य सरकार संबंधित वर्ग की जनसंख्या के आधार पर कर सकेगी. इसके पहले रोटेशनल आधार पर आरक्षण लागू करने का नियम लागू था. बीते वर्ष नवंबर महीने में राज्य सरकार ने आरक्षण के पुराने नियम के अनुसार चुनाव कराने की तैयारी कर ली थी, लेकिन इसपर विवाद खड़ा हो जाने के कारण चुनाव टाल दिए गए थे. अब संभावना है कि अगले अप्रैल-मई तक चुनाव करा लिए जाएंगे.
राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय बिल 2021 के आलोक में नए नियमों के अनुसार चुनाव के लिए जो आरक्षण रोस्टर प्रकाशित किया था. उसमें अनुसूचित क्षेत्र के कई नगर निकायों में एकल पदों पर जनजातीय समुदाय (एसटी ) के लिए आरक्षण खत्म कर दिया गया था.
इसे लेकर रांची सहित कई जगहों पर जनजातीय समाज की ओर से विरोध के तीव्र स्वर उठने लगे. इस बीच इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में झारखंड की ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (टीएसी) की बैठक हुई, जिसमें राय बनी कि जनजातीय बहुल आबादी वाले अनुसूचित क्षेत्रों में एसटी आरक्षण को पूर्ववत कायम रखा जाना चाहिए. इसके बाद सरकार ने विधानसभा में संशोधन विधेयक पारित करवाकर राज्यपाल को भेजा था.