राज्य में स्ट्रांग हेल्थ सर्किट बनाने बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। यहां के अस्पतालों में जांच और इलाज की बेहतर और आधुनिक सुविधाएं सुनिश्चित की जाए, ताकि मरीजों को दूसरे राज्यों के बड़े अस्पतालों का रुख नहीं करना पड़े। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और परिवार कल्याण विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को कई अहम निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए जो भी संसाधन की जरूरत होगी, सरकार उसे मुहैया कराएगी ।
प्रमंडलीय मुख्यालयों में सभी सुविधाओं से युक्त 24×7 हेल्थ केयर सर्विसेज की व्यवस्था हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी प्रमंडल के सदर अस्पतालों में इलाज और जांच की अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त 24×7 हेल्थ केयर सर्विसेज शुरू करने का निर्देश दिया। इसकी शुरुआत दुमका से होगी। 300 बिस्तर की क्षमता वाले इस अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ जांच- इलाज के सभी अत्याधुनिक संसाधन होंगे, सर्विसेज होगी। यहां सभी चिकित्सकों और पारा मेडिकल कर्मियों की शिफ्ट में ड्यूटी लगाई जाए, ताकि मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो।
चिकित्सकों की नियुक्ति में तेजी लाने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य वासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले, इसके लिए चिकित्सकों और अन्य पारा मेडिकल कर्मियों की नियुक्ति में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि आवश्यकतानुसार अनुबंध पर भी चिकित्सकों को नियुक्त करें ताकि किसी भी परिस्थिति में स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित नहीं हो।
पंचायत दवा दुकान के लिए लाइसेंस देने में तेजी लाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की पंचायत स्तर दवा दुकान की योजना के तहत जल्द से जल्द और ज्यादा से ज्यादा पंचायतों में दवा दुकान खोलने की प्रक्रिया तेज हो। उन्होंने कहा कि जो भी पारा मेडिकल में प्रशिक्षित है , उन्हें भी इस योजना संचालन से जोड़ने की पहल करें। इस मौके पर अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि पंचायत स्तर दवा दुकान के लिए अब तक 24 सौ आवेदन मिल चुके हैं, जिनमें से 663 आवेदनों को स्वीकृति दी जा चुकी है।
आयुष्मान भारत के मरीजों के इलाज में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत के तहत मरीजों के इलाज में अस्पतालों द्वारा कोताही बरतने की बात लगातार सामने आ रही है। यह कदापि उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत के तहत अस्पतालों के लंबित राशि का भुगतान जल्द से जल्द सुनिश्चित करें, ताकि मरीजों के इलाज में अस्पताल कोताही नहीं बरतें। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के तहत इलाज की पात्रता के लिए आयुष्मान कार्ड और राशन कार्ड अगर किसी के पास नहीं है तो 8 लाख रुपए से कम वार्षिक आय वालों को भी इस श्रेणी में शामिल किया जाए।
मेडिकल कॉलेजों में चल रहे निर्माण कार्य में अब और विलंब बर्दाश्त नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में कई वर्षों से निर्माण कार्य चल रहा है इसमें पहले ही से काफी विलंब हो चुका है और विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा जो डेडलाइन तय किए गए हैं उसके अंदर सभी निर्माण पूरे हो जाने चाहिए। उन्होंने पलामू और हज़ारीबाग़ मेडिकल कॉलेज तथा रिम्स में छात्रावास का निर्माण करा रहे कंस्ट्रक्शन कंपनी को टर्मिनेट करने का भी निर्देश दिया।
एंबुलेंस का परिचालन सुनिश्चित हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में 206 एंबुलेंस सेवा का शुभारंभ किया गया था। लेकिन, कुछ कारणों से कई एंबुलेंस के नहीं चलने की बात सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि सभी 206 एंबुलेंस का नियमित और सुचारू परिचालन अविलंब सुनिश्चित करें।
सर्पदंश से मौत के मामले काफी चिंताजनक
मुख्यमंत्री ने कहा कि बारिश के शुरू होते ही सर्पदंश की कई मामले सामने आ रहे हैं। मैंने पहले ही सभी अस्पतालों में सर्प दंश के मरीजों के इलाज और दवा की पुख्ता व्यवस्था करने का निर्देश दिया था। लेकिन, फिर भी अब तक 45 से ज्यादा सर्पदंश से मौत की बातें सामने आ चुकी है ।यह चिंताजनक है । उन्होंने विभाग को कहा कि जहां सर्प दंश से मौतें हुई है , वहां के संबंधित चिकित्सकों को शो-कॉज जारी किया जाए।
उच्च स्तरीय बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, भवन निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक आलोक त्रिवेदी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अपर अभियान निदेशक विद्यानंद शर्मा पंकज, अपर सचिव जय किशोर प्रसाद, अपर सचिव शशि प्रकाश झा, संयुक्त सचिव मेधा भारद्वाज, निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं डॉ वीरेंद्र प्रसाद सिंह, रिम्स रांची के निदेशक डॉ राजीव कुमार गुप्ता, रिनपास के निदेशक डॉ जयंती शिमले, आयुष निदेशक डॉ फजलूस शमी और निदेशक ड्रग्स रितु सहाय समेत कई विभागीय अधिकारी मौजूद थे।