पाकुड़ । नगरपालिका के जॉच दल द्वारा बीच-बीच में शहर में पॉलीथिन जाँच अभियान चलाया जा रहा है। किंतु कई बार जांच अभियान शुरू करने के पूर्व दुकानदारों को माईकिंग द्वारा सूचित कर जागरूक किया जाता है और अभियान के पूर्व जागरूकता के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया था।
आम जनता ने उस समय काफी सहयोग भी किया था और 75 माइक्रोन के पॉलीथिन के ऊपर जारूकता और इसका प्रचलन भी बढ़ा था।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से जनवरी माह 2023 से 120 माइक्रोन या इससे ऊपर के पॉलीथिन का ही इस्तेमाल किया जा सकता हैं। इसकी जानकारी सबको होनी चाहिए। नगरपालिका द्वारा इस संबंध में कई अखबारों में जानकारी दी गई। किंतु सभी दुकानदार अखबार पर ध्यान नहीं देते और ना ही सभी लोग अखबार लेते हैं। इस वर्ष माइकिंग भी नहीं की गई। इससे दुकानदारों में नाराजगी है।
माइकिंग होने से अच्छा होता। प्रतिदिन कमाने और खाने वालो को अख़बार पढने का समय नहीं हैं। ना लेते हैं। दुकानदारों ने यह भी सुझाव रखा कि जो पॉलीथिन के सप्लायरस हैं उन्हें चिन्हित कर उनको इस सम्बन्ध में जागरूक करना बहुत ही जरूरी हैं। साथ ही, बंगाल से जो माल पाकुड़ आ रहा हैं उसमे भी रोक लगाना जरूरी हैं।
दुकानदारों का यह भी मानना है की केवल शहरी क्षेत्र में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाकर सफलता नहीं प्राप्त की जा सकती है। इसके लिए केवल जिले ही नहीं राज्य स्तर पर कार्रवाई होनी चाहिए।
ग्रामीण क्षेत्रों में भरपूर प्लास्टिक का यूज़ होता है। वक्त ही बताएगा कि सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग आखिर कौन-कौन लोग कर रहे हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक के कारखाने क्यों नहीं बंद हो रहे हैं। सिंगल यूज़ प्लास्टिक प्रतिबंधित होने के बावजूद भी बड़ी मात्र में कारखाने में बनाए जा रहे हैं। इन पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए थी? आम नागरिकों को भी चाहिए वे प्लास्टिक में सामान ना खरीदें।