[ad_1]
नीरज कुमार/बेगूसराय: युवा पीढ़ी पढ़ाई-लिखाई करने के बाद नौकरी को तवज्जो देते हैं, लेकिन बिहार के एक युवा ने अपने कोचिंग संस्थान से छुट्टी लेकर अपने रिश्तेदार के यहां बख्तपुर गांव जाकर खेती का आइडिया सीखकर लौटा. इसके बाद से पढ़ाई पर ध्यान न देकर परवल की खेती में ही रम गया. आज इस युवा की पहचान मंझौल अनुमंडल में सबसे ज्यादा परवल की खेती करने वाले युवा किसानों में होती है.
पिछले पांच वर्षो से दो एकड़ भूमि लीज पर लेकर परबल की खेती कर रहे हैं. दरअसल, हम बात कर रहे हैं. बेगूसराय जिला मुख्यालय से 38 किलोमीटर दूर विक्रमपुर पंचायत के वार्ड 13 के रहने वाले रामविलास साव के पुत्र रामउदगार कुमार की, जो परबल की खेती कर सालाना अच्छी कमाई कर रहे हैं और लोगों को प्रेरित भी कर रहे हैं.
रिश्तेदार के यहां सीखा परवल की खेती का आईडिया
रामउदगार कुमार ने इंटर में विज्ञान संकाय का कोचिंग ले रहा था. बीच में पढ़ाई छोड़कर कोचिंग से 7 दिनों की छुट्टी लेकर अपने रिश्तेदार के यहां बख्तपुर गांव गया. इस गांव में कई किसानों को परवल की खेती करते देखा तो रामउदागर के मन में भी इसकी खेती करने की जिज्ञासा बढ़ गई. इसके बाद इन किसानों से मिलकर बीज कहां से मिलेगा, इसमें कौन-कौन से केमिकल की जरूरत पड़ेगी, बाजार में रेट क्या मिलता है आदि की जानकारी हासिल की.
विज्ञापन
इसके अलावा कितने दिनों में किस वैरायटी का उत्पादन सबसे बेहतर होता है आदि गुण सीखकर अपने गांव लौट आया. रामउदागर ने कोचिंग जाना छोड़कर पहले एक कट्ठा में परवल की खेती शुरू की. एक साल में इस एक कट्ठे से 65000 के आसपास की कमाई हुई. इसके बाद से पीछे मुड़कर नहीं देखा. रामउदागर वर्तमान में लीज पर भूमि लेकर 2 एकड़ में परबल की खेती कर रहे हैं.
2 एकड़ में 6 लाख तक की होती है कमाई
रामउदगार ने बताया कि डंडारी वैरायटी के परवल का उत्पादन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 2 एकड़ परवल की खेती करने में तकरीबन 4 लाख तक का सालाना खर्च लगता है. वहीं बाजार मूल्य की बात करें तो 30 रूपए से लेकर लग्न के दिनों में 90 रुपए किलो तक चली जाती है. वहीं सारा खर्च काटकर कमाई 5 से 6 लाख तक सलाना हो जाता है. वहीं परवल की खेती में कमाई बाजार पर निर्भर करता है. बाजार में रेट बेहतर रहा तो कमाई का दायरा बढ़ जाता है.
.
Tags: Begusarai news, Bihar News, Local18
FIRST PUBLISHED : July 25, 2023, 21:10 IST
[ad_2]
Source link