पाकुड़ । जिला में लुप्त होती उर्दू जुबान को बचाने की दिशा में पहल करते हुवे पूर्व अध्यक्ष हरिणडांगा उर्दू मिडल स्कूल अभिभावक समिति मोईनुल हक ने डीसी वरुण रंजन को आवेदन देकर उर्दू जुबान के संरक्षण के लिए विलय उर्दू स्कूल को चालू करने की मांग की है।
हक ने डीसी का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा है कि शहर में प्राचीन काल से हरिणडांगा बाजार स्थित मस्जिद गली में एक उर्दू स्कूल था। बाद में इसे प्राइमरी और मिडल का दर्जा मिला। जिसमे छात्र छात्राए उर्दू पठन पाठन करते थे। प्रारंभ मे तीन यूनिट था। छात्रों की संख्या को देखते हुए इसमें छ: यूनिट की बढ़ोतरी की गई थी। जिसमे पारा शिक्षक कार्यरत थे।
हक ने कहा है कि पिछली सरकार ने साजिश के तहत उर्दू स्कूल को हरिणडांगा हिंदी स्कूल में विलय कर दिया। जिससे उर्दू भाषी छात्रों को उर्दू पढ़ने से दूर रखा जा रहा है। उर्दू की पढ़ाई ना होने से ये जुबान लुप्त होने के कगार पर है। बता दे कि झारखंड में उर्दू को दूसरी सरकारी जुबान का दर्जा हासिल है।
हक ने कहा कि उर्दू स्कूल को दुबारा चालू करने को लेकर कई बार जिला अधिकारियो और विभाग को मांग पत्र सौंपा गया गया। मगर आज तक करवाई नही हुई।
हक ने डीसी वरुण रंजन से मांग की है की उर्दू जुबान के संरक्षण को लेकर सकारात्मक पहल किया जाये।