ANI
गृह मंत्रालय मणिपुर वायरल वीडियो मामले को सीबीआई को भेजेगा। इसके साथ ही केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर वायरल वीडियो मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर कराने का अनुरोध करेगा।
संसद के मानसून सत्र से ठीक 1 दिन पहले मणिपुर से संबंधित एक वीडियो जबर्दस्त तरीके से वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में दो नग्न महिलाएं साफ तौर पर देखी जा रही थी। इसके बाद पूरे मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद क्रोध व्यक्त किया था और कहा था कि यह देश को शर्मसार करने वाला वीडियो है। इन सबके बीच गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। गृह मंत्रालय मणिपुर वायरल वीडियो मामले को सीबीआई को भेजेगा। इसके साथ ही केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर वायरल वीडियो मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर कराने का अनुरोध करेगा।
35000 जवानों की तैनाती
सूत्रों का दावा है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर मामले को लेकर अपनी पहली नजर रख रहे हैं। प्रधानमंत्री लगातार मणिपुर पर अधिकारियों से हर अपडेट दे रहे हैं। बड़ी खबर यह है कि मणिपुर में 35000 अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। सेना, सीआरपीएफ, सीआरपीएफ के 35000 जवानों की तैनाती की जा रही है। इसके अलावा मैतेई और कुकी समुदायों के बीच बफर जोन बनाया गया है। खबर यह भी है कि मणिपुर और म्यांमार से लगती सीमा को लेकर भी नए तरह से योजनाएं बनाई जा रही है। खबर यह भी है कि केंद्र ने कुकी और मैतेई समुदायों के सदस्यों के साथ कई दौर की बातचीत की, प्रत्येक समुदाय के साथ छह दौर की बातचीत हुई है।
भारत-म्यांमार सीमा
सूत्र ने कहा, सर्वोच्च प्राथमिकता दोनों समुदायों को बातचीत की मेज पर लाना है। शीर्ष सरकारी सूत्र ने बताया कि जिस मोबाइल फोन से मणिपुर की महिलाओं का वायरल वीडियो शूट किया गया था, उसे बरामद कर लिया गया है और वीडियो शूट करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है। जो वीडियो वायरल हुआ था वह 3 मई का है जब राज्य में दो जातीय जनजातियों मैतेई और कुकी के बीच हिंसा भड़क उठी थी। इलाके में भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने की भी कोशिश चल रही है। अब तक, मणिपुर-मिजोरम सीमा पर 10 किमी की बाड़ लगाने का काम पूरा हो चुका है, जबकि आगे संबंधित सर्वेक्षण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। एजेंसियों को जल्द से जल्द सीमा पर बाड़ लगाने का काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है।