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विक्रम कुमार झा/ पूर्णिया.वैवाहिक जीवन को सुख समृद्धि और शांति पूर्ण बनाने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं. ऐसे में कहा जाता है हिंदू धर्म शास्त्र के मुताबिक शादी सात जन्मों के साथ वचन का प्रतीक माना गया है. वहीं कहा जाता है अगर शादी होने के बाद वैवाहिक जीवन में वर और वधू में सामजस्य न हो तो वैवाहिक जीवन उथल-पुथल होती रहती है. जिस कारण वैवाहिक जीवन सुखमय के बजाय चिंताजनक रहता है. ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपाय बताए हैं. जिन्हे अपनाकर कोई भी व्यक्ति कुछ हद तक राहत पा सकते हैं.
इन भाव में बैठे रहे ये ग्रह तो होगा मंगला दोष
पूर्णिया के पंडित ज्योतिषआचार्य मनोत्पल झा कहते हैं कि मांगलिक दोष वर और वधु दोनों पक्षों का शादी से पूर्व कुंडली देखकर निकाला जाता है. वह कहते हैं कि मंगल अगर 1, 4, 7, 8 और 12 वे भाव में हो तो मंगला दोष प्रदान करता है. जिस कारण वैवाहिक जीवन में खुशी के बदले कभी कभी गम भी लोगो को देखना पड़ता है. लेकिन पंडित जी कहते हैं कि पहले के जमाने में लोग शादी विवाह करने से पूर्व इतने ज्यादा कुंडली मिलाकर शादी विवाह नहीं किया करते थे.पहले वर वधु दोनों पक्षों में समझदारी ज्यादा रहती थी. जिस कारण दोनों के बीच सामंजस बना रहता था और किसी भी तरह का कोई विवाद नहीं होता था.
बदलते जमाने के साथ लोग इन्हें ना करें इग्नोर
उन्होंने कहा कि आजकल बदलते फैशन के जमाने में लोग अपने मन मुताबिक विवाह शादी कर लिया करते हैं. ऐसे में उन्हें बाद में कई तरह की समस्याओं को भी उठाना पड़ता है. पंडित जी कहते हैं कि शादी विवाह से पूर्व वर-वधू दोनों पक्ष के कुंडली को देख कर मंगला दोष की जानकारी ली जाती है. जिसका निराकरण भी आसान होता है. जिसकी शांति आवश्यक है. पुरुष वर्ग को अगर मंगला दोष लगता है उनके लिए उन्हें अर्क विवाह करवाया जाता है.महिला वर्ग को अगर लगता है उन्हें कुंभ विवाह के द्वारा इस दोष का निवारण करवाया जाता है.पंडित जी कहते हैं इसके साथ-साथ कुंडली में प्रकृति के द्वारा भी है रहते हुए भी निरस्त रहता है. जैसे मंगल का बुध के साथ युति सूर्य का चंद्र के गुरु के साथ यूपी रहने से साथ-साथ गुरु केंद्र में हो गुरु की दृष्टि मंगल पर हो आदि ऐसे हजारों फार्मूला है, जो अगर कुंडली में हो तो मंगला दोस्त निरस्त हो जाता है.पंडित जी कहते हैं ऐसे कुछ उपायों को करके मंगला दोष को खत्म तो नहीं किया जा सकता लेकिन मंगला दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है..
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Tags: Astrology, Dharma Aastha, Local18
FIRST PUBLISHED : July 28, 2023, 07:40 IST
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