[ad_1]
रिपोर्ट के अनुसार, स्पेसक्राफ्ट का चंद्रमा की कक्षा में पहुंचना 600 करोड़ रुपये के चंद्रयान-3 मिशन के लिए मील का पत्थर है। 14 जुलाई को लॉन्च होने के बाद से स्पेसक्राफ्ट ने चंद्रमा की लगभग दो-तिहाई दूरी तय कर ली है। अगले 18 दिन इस मिशन और इसरो के लिए बेहद महत्वपूर्ण होने वाले हैं।
इसरो ने चंद्रयान-3 से मिले संदेश को शेयर किया है। इसमें लिखा था, “MOX, ISTRAC, यह चंद्रयान-3 है। मैं चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण महसूस कर रहा हूं।” गौरतलब है कि चंद्रयान-3 को चांद की कक्षा में पहुंचाने की अहम भूमिका मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स), आईएसटीआरएसी (इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क), बेंगलुरु ने निभाई।
Chandrayaan-3 Mission:
“MOX, ISTRAC, this is Chandrayaan-3. I am feeling lunar gravity 🌖”
🙂Chandrayaan-3 has been successfully inserted into the lunar orbit.
A retro-burning at the Perilune was commanded from the Mission Operations Complex (MOX), ISTRAC, Bengaluru.
The next… pic.twitter.com/6T5acwiEGb
— ISRO (@isro) August 5, 2023
इसरो ने बताया है कि अगला जरूरी काम रविवार की रात 11 बजे होगा, जब चंद्रयान-3 की कक्षा को घटाया जाएगा। इसके बाद 17 अगस्त तक 3 और अभियान पूरे किए जाएंगे, जिसके बाद रोवर प्रज्ञान के साथ ही लैंडिंग मॉड्यूल ‘विक्रम’ स्पेसक्राफ्ट के ‘प्रपल्शन मॉड्यूल’ से अलग हो जाएगा। फिर चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश की जाएगी।
इससे पहले 1 अगस्त की रात करीब 12 बजे इसरो ने चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा की ओर रवाना किया था। सबकुछ योजना के अनुसार हुआ तो चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग 23 अगस्त को शाम 5 बजकर 47 मिनट पर किए जाने की योजना है।इस मिशन का मसकद सफलतापूर्वक चंद्रमा पर लैंड कराना और वहां चहलकदमी की क्षमताओं को साबित करना है। अभी तक तीन देश- अमेरिका, सोवियत यूनियन और चीन चंद्रमा पर अपने मिशन लैंड करा पाए हैं।
[ad_2]
Source link