Tuesday, April 22, 2025
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पर्यावरण संरक्षण के लिए सांपों को बचा रहे हैं ‘राहुल’, लोगों को बता रहे हैं इसका महत्व

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मो.महमूद आलम/नालंदा.बरसात के मौसम में सर्पदंश की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. इस मामले में अंधविश्वास की जद में आकर कितने लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. नालंदा के नूरसराय निवासी राहुल कुमार जो जूलॉजी से M.Sc फाइनल ईयर में पढ़ाई कर रहे हैं. वे निजी कंपनी में नौकरी छोड़ पर्यावरण संरक्षण के लिए जुट चुके हैं. जिसमें उनके मित्र का सहयोग मिलता है. इन दिनों सर्पदंश से बचाव व सांपों के बारे में जानकारी देने का अभियान चला रहे हैं. वह प्रखंड पंचायत गांव में घूमकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं.

यह अभियान मई से अगस्त माह तक चलाया जाता है, ताकि सांप और मानव के बीच टकराव को कम करके दोनों के जीवन को बचाया जा सके. इस अभियान के अंतर्गत पर्चियों और पोस्टर के माध्यम से लोगों को सांप से बचने व सांप को इंसानों से बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं. इस बीच लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया मिल रही है. उनके सवाल के जवाब एक्सपर्ट से मिल रहे हैं. राहुल अपनी टीम के साथ गली-गली व मोहल्ले में दस्तक दे रहे हैं. आम से लेकर खास सभी को न केवल पर्चे के माध्यम से बल्कि फिजिकली भी सभी को बताने का काम कर रहे हैं. राहुल खुद भी स्नेक रेस्क्यूअर हैं. पूरी तन्मयता से इस काम में जुटे हैं. लोग बाग इनकी भी मदद ले सकते हैं. इस काम में खतरा भी है. कई बार इनका सामना विषधर सर्पों से हो चुका है.

जीव पारिस्थिति की तंत्र के महत्वपूर्ण अंग
राहुल कहते हैं कि किसी सांप को देखते ही हमारे ज़ेहन में आता है कि उसे मार देना है. उसके बाद या शायद ही कभी यह विचार कर पाते हैं कि उस मूक सांप को उस जगह से कहीं और स्थानांतरित कर दिया जाय. जिससे हमलोग और सांप दोनों सुरक्षित रह सकेंगे. डरे सहमे प्राणी अपने प्राण को बचाने के लिए यत्न करते हैं. जबकि हम उन्हें अपना दुश्मन मानकर दुर्भाग्यवश मार देते हैं. विषैला सर्प हो या विषहीन सामान्य सर्प दोनों जीव पारिस्थिति की तंत्र के महत्वपूर्ण अंग हैं. हमें प्राणियों के प्राणों की रक्षा करनी चाहिए ना कि उनका हनन, क्योंकि उनकी संख्या घट रही है.राहुल का कहना है कि सांपों के स्थानांतरित करने हेतु वन विभाग या स्थानीय सर्प मित्र, बचावकर्ता (स्नेक रेस्क्यूर) से संपर्क किया जा सकता है. जो जिम्मेदारी पूर्वक सांप को उस स्थान से हटाकर उनके पर्यावास में आज़ाद कर देते हैं. जरूरत पड़ने पर विभाग द्वारा दिए गए संपर्क सूत्र पर लोग मदद मांग सकते हैं. चाहे किसी सांप की पहचान करनी हो या घर में भूल वश आ गए सांप की रेस्क्यू करने की जरूरत आ पड़े.

सांप पारितत्र का अहम हिस्सा
जीव विज्ञानियों का मानना है कि सांप पारितंत्र का अहम हिस्सा है. क्योंकि यह कई तरह के जीव जैसे चूहा, पक्षी, मेंढक, मछली, छिपकली आदि को खाकर और बाज, स्टोर्क जैसे पक्षियों का शिकार बनकर खाद्य जाल में संतुलन बनाये रखते हैं. सांंप, चूहों और पक्षियों को खाकर किसानों के फसलों की रक्षा करते हैं.इसलिए इन्हें किसानों का मित्र भी कहा गया है. इस तरह से सांप परिस्थितक तंत्र में संतुलन बनाए रखते हैंऔर हमे चूहों से फैलने वाले रोगों से भी बचाते हैं.

Tags: Bihar News, Local18, Nalanda news

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