झारखंड बीजेपी ने हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार पर भी शराब घोटाले का इल्जाम लगाया है. दरअसल, बीजेपी (BJP) के बोकारो के विधायक बिरंची नारायण (Biranchi Narayan) ने विधानसभा में सरकार की शराब की बिक्री पर बनाई गई पॉलिसी पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहा है कि इसकी भी सीबीआई जांच करवानी चाहिए. उन्होंने कहा कि गलत पॉलिसी लाकर राज्य के राजस्व पर बड़ा नुकसान किया गया है.
मंत्री ने बताया आरोपों को आधारहीन
उन्होंने राज्य में शराब की बिक्री पर बनाई गई पॉलिसी के आठ बिंदुओ पर तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) की आपत्तियों का भी हवाला दिया है. जिसपर सरकार का पक्ष रखते हुए पेयजल विभाग के मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर (Mithilesh Kumar Thakur) ने बीजेपी विधायक के आरोपों को आधारहीन बताया है. “उन्होंने कहा राज्यपाल की जो भी आपत्तियां थी उन्हें दूर करने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन इसके बाद भी अगर तथ्य लाया जाए कि कहां कहां गड़बड़ी हुई है, तो सरकार जांच कर दोषियों पर करवाई करेगी.”
‘राज्य को 690 करोड़ राजस्व का नुकसान’
वहीं बीजेपी विधायक बिरंची नारायण ने विधानसभा में अपने सवाल के जरिये मामले पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022 से 2023 में शराब की बिक्री से मिलने वाले राजस्व का लक्ष्य 2500 करोड़ रखा था, लेकिन 15 फरवरी तक 1607 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ. उन्होंने कहा “14 मार्च 2023 तक 690 करोड़ राजस्व का नुकसान हुआ है. राज्य में छत्तीसगढ़ मॉडल के आधार पर नई उत्पाद नीति लाई जा रही थी. तभी इसकी विसंगतियों के 8 बिंदुओं पर राजस्व पार्षद और अन्य ने आपत्ति दर्ज की थी. नवंबर 2022 में राज्यपाल ने भी इस पॉलिसी के बिल को वापस लौटते हुए इसमें संशोधन का निर्देश दिया था. इसके बाद भी राज्य सरकार ने इस पर सुधार नहीं किया.”
उन्होंने कहा ” दिल्ली की तर्ज पर झारखंड में भी शराब का घोटाला हुआ है. निजी कंपनी द्वारा होलोग्राम बनाया जा रहा है. शराब में पानी मिलाकर बोतल तैयार की जा रही है. जिन कंपनियों ने बैंक गारंटी नहीं दी उन पर क्या कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि झारखंड में शराब घोटाले का किंग कौन है इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए”