Wednesday, November 27, 2024
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Lok Sabha में No Confidence Motion पर चर्चा, पक्ष-विपक्ष के बीच जमकर हुआ वार-पलटवार, जानें किसने क्या कहा

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आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के संसदीय दल की बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर भी तंज कसा। मोदी ने कहा कि विपक्ष अविश्वास से भरा हुआ है और इसे दिखाने के लिए वह अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं।

मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज चर्चा की शुरुआत हुई। अविश्वास प्रस्ताव पर 3 दिन तक चर्चा चलेगी। 10 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर भी चर्चा का जवाब देंगे। पहले दिन की चर्चा के बाद लोकसभा की कार्यवाही 6:00 बजे शाम में स्थगित कर दी गई। बुधवार को एक बार फिर से 11:00 बजे अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत होगी। मणिपुर मामले को लेकर विपक्षी दलों द्वारा यह अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का यह पहला अविश्वास प्रस्ताव है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान विपक्षी द्वारा 2018 में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था।

वहीं, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के संसदीय दल की बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर भी तंज कसा। मोदी ने कहा कि विपक्ष अविश्वास से भरा हुआ है और इसे दिखाने के लिए वह अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं। वहीं, अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में भी जबरदस्त वार-पलटवार की राजनीति देखने को मिली। सत्ता पक्ष और एनडीए के सहयोगियों ने जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के कार्यकाल का बखान किया तो वहीं विपक्षी दलों ने मणिपुर मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल खड़े किए। चलिए आपको बताते हैं कि आज अविश्वास प्रस्ताव पर किसने क्या कहा।

– लोकसभा में मंगलवार को कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने मणिपुर में हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया और ‘डबल इंजन’ सरकार पर पूरी तरह विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया ताकि इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘मौनव्रत’ तोड़ा जा सके। गोगोई ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को चर्चा के लिए रखते हुए यह सवाल भी किया कि प्रधानमंत्री ने मणिपुर का दौरा क्यों नहीं किया और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को पद पर क्यों बनाए रखा? उन्होंने दावा भी किया कि प्रधानमंत्री मौन रहना चाहते हैं क्योंकि उन्हें सिर्फ अपनी छवि से लगाव है और वह अपनी सरकार की विफलताओं को सामने नहीं आने देना चाहते।

– भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे ऐसे प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाये हैं जो गरीब परिवार से आते हैं और जिन्होंने गरीब जनता को मकान, शौचालय और पीने का पानी उपलब्ध कराया। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, ‘‘आज यह अविश्वास प्रस्ताव एक गरीब के बेटे के खिलाफ लाया गया है। यह प्रस्ताव उस व्यक्ति (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) के खिलाफ है जिसने गरीबों को मकान बनाकर दिये, जिसने गरीब जनता को पीने का पानी दिया, शौचालय दिये, जिसने गरीब के घर में उजाला लाने की कोशिश की।’’ दुबे ने कहा कि विपक्षी दलों का विरोध इस बात पर है कि प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल में गरीब के घर में चूल्हा क्यों जल रहा है, विदेशी नेता प्रधानमंत्री का सम्मान क्यों करते हैं।

– शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने लोकसभा में मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उस समय हनुमान चालीसा के कुछ अंश पढ़े, जब एक विपक्षी सदस्य ने यह सवाल कर दिया कि क्या उन्हें हनुमान चालीसा याद है। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए शिंदे ने कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रव़ादी कांग्रेस पार्टी के ‘महा विकास आघाड़ी’ और इस गठबंधन की पूर्ववर्ती सरकार का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा पढ़ने पर भी रोक थी। इस दौरान किसी विपक्षी सदस्य ने श्रीकांत शिंदे से कहा, ‘‘क्या आपको हनुमान चालीसा याद है?’’ शिंदे ने तत्काल हनुमान चालीसा पढ़ना शुरू कर दिया। 

– द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत केंद्र सरकार पर बेरोजगारी, महंगाई, किसानों, महिलाओं से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राजधर्म की बात की थी और आज द्रमुक उसके साथ खड़ी है जो राजधर्म निभाता दिख रहा है। द्रमुक के टीआर बालू ने कहा कि सत्ता पक्ष की ओर उनके कुछ मित्र हैं, वाजपेयी जी की पार्टी होने के नाते सत्तारूढ़ पार्टी से उनका जुड़ाव रहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मित्र ही हैं, लेकिन वर्तमान सरकार को बुराई ने घेर लिया है, ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है।

– समाजवादी पार्टी (सपा) ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर मणिपुर के मुद्दे पर संवेदनहीनता दिखाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार ‘अहंकार’ में डूबी है और उत्तर पूर्व राज्य में हिंसा की घटनाओं के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जिम्मेदार है। सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि जब महिलाओं के खिलाफ अपराध की बात होती है तो उत्तर प्रदेश की भी चर्चा होनी चाहिए। यादव ने दावा किया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में हर तीन घंटे में एक महिला का यौन उत्पीड़न होता है। 

– शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि मणिपुर में इतनी हिंसा हुई, महिलाओं पर अत्याचार हुए लेकिन केंद्र सरकार 70 दिन चुप रही। भाजपा की सुनीता दुग्गल ने कहा कि कांग्रेस जनता का विश्वास खो चुकी है और अब लोग उस पर विश्वास करने वाले नहीं हैं। उन्होंने राम मंदिर का निर्माण होने और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के निरस्त किए जाने का हवाला देते हुए कहा, ‘‘अब हमारा लक्ष्य समान नागरिक संहिता है। हमारी कोशिश होगी कि हम जल्द से जल्द इसे सदन में लेकर आएं।’’ 

– बीजू जनता दल (बीजद) ने मंगलवार को कहा कि सरकार के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लोकसभा में लाने के लिए लाया गया है, लेकिन यह प्रस्ताव ‘गिर जाएगा और कांग्रेस को इसका कोई फायदा नहीं होगा’। निचले सदन में बीजद के नेता पिनाकी मिश्रा ने कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि उनकी पार्टी की स्थापना कांग्रेस के विरोध की बुनियाद पर हुई थी और वह कभी कांग्रेस के प्रस्ताव का समर्थन नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि बीजद को लगता है कि यह अविश्वास प्रस्ताव लाने का सही समय नहीं है। 

– केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने पूर्वोत्तर क्षेत्र को नजरंदाज करने के लिए पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि जब दुनिया भारत की ओर उम्मीदों से देख रही है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2047 तक देश मजबूत राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में गलत समय और गलत तरीके से विपक्ष उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है। लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई द्वारा सरकार के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि यह प्रस्ताव गलत समय पर और गलत तरीके से लाया गया है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में भारत का प्रभाव बढ़ रहा है और विभिन्न देश भारत के साथ काम करना चाहते हैं। 

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