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सत्यम कुमार/ भागलपुर. सावन की बेरुखी से भागलपुर के किसानों के चेहरे पर मायूसी. छाई हुई है. दरअसल, भागलपुर का कतरनी चूड़ा व चावल दोनों ही देशों में नहीं बल्कि विदेशों में भी मशहूर है. लेकिन इस बार लोग इसके महक से महरूम रहने वाले हैं. जिले में जगदीशपुर प्रखंड को कतरनी धान का कटोरा कहा जाता है. लेकिन अब तक इसकी रोपाई नहीं हुई है. इसलिए वहां के किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है.
जानिए क्या है कारण
वहां के किसान कपिल देव मंडल ने बताया कि इस बार कतरनी धान की रोपाई शुरू नहीं हुई है. सबसे पहले उसकी रोपाई होती है. क्योंकि दिसम्बर माह में कटने लगता है. लेकिन इस बार न मौसम ने साथ दिया और ना ही बोरिंग चल रही है. बीच में हल्की बारिश हुई तो बिचरा बचना मुश्किल हुआ है. अगर और 5 दिन बारिश नहीं होती तो बिचरा भी मर जाता. लेकिन रोपनी के लिए अधिक पानी की जरूरत है. जो खेतों में नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में खेती होना मुश्किल है. बता दें कि भागलपुर में 1400 एकड़ में कतरनी की रोपनी होती है. इससे करीब 30 हजार क्विंटल उत्पादन होता है.
गणमान्य तक चुड़ा पहुंचना होगा मुश्किल
भागलपुर के कतरनी का स्वाद देश के प्रधानमंत्री समेत कई गणमान्य चखते हैं. लेकिन इस बार स्वाद फीकी रहने की उम्मीद जताई जा रही है. बताया जा रहा है कि यहां पर हजारों हेक्टेयर में इसकी खेती हुआ करती है. पिछले वर्ष भी पानी के वजह से उत्पादन नहीं हो पाया. इस बार तो पानी की संकट है ही. इसलिए इस बार और भी कम उत्पादन होगा.
यहां का सुगंध और स्वाद है अलग
यहां के किसान बताते हैं कि कतरनी और भी जगहों पर होती है. लेकिन जो इसमें स्वाद व सुगंध होगा वो और कहीं नहीं होगा. इसके सुगंध से लोगों का पेट भर जाता है. ऐसी खुशबूदार चुड़ा और कहीं नहीं मिलता है. इसलिए विदेश के लोग भी खूब पसंद करते हैं.
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Tags: Bhagalpur news, Bihar News, Local18
FIRST PUBLISHED : August 08, 2023, 23:37 IST
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