Thursday, November 28, 2024
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झारखंड में अंधविश्वास:सर्पदंश के बाद झाड़फूंक कराते रहे परिजन, गई मासूम की जान

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रूपेश कुमार भगत/गुमला. गुमला जिला के पालकोट प्रखंड में अंधविश्वास के कारण सर्पदंश से बच्चे की मौत हो गई. परिजन मृत बच्चे को जिंदा करने के लिए 2 दिनों तक झाड़-फूंक कराते रहे. दो दिनों बाद शव को दफना दिया गया. मामला पालकोट प्रखंड के टेंगरिया बुजिटोली गांव की है. .यहां बंधना खड़िया के 4 वर्षीय बेटे अर्पण खड़िया को शनिवार की रात सांप ने डस लिया था. इसके बाद परिजन गांव के ही भगत के पास झाड़फूंक कराने लगे और इसी चक्कर में बच्चे की स्थिति खराब हो गई.

बच्चे की स्थिति गंभीर हो गई तो रविवार को उसे लेकर परिजन सदर अस्पताल पहुंचे. डॉक्टरों ने जांच कर इंजेक्शन दिया. लेकिन इलाज के क्रम में बच्चे की मौत हो गई. तब परिजन पोस्टमॉर्टम कराए बिना ही बच्चे के शव को अपने साथ ले गए.

बच्चे की मां नूतन खड़िया ने बताया कि सांप के काटने से कोई व्यक्ति अगर मर जाता है तो भी शरीर में 21 दिनों तक जान रहती है. इस कारण बिना पोस्टमॉर्टम कराए बच्चे के शव को भगत के पास झाड़फूंक कराने ले गए. बच्चे के शव को लेकर वे लोग पहले सिमडेगा के बानो गए. वहां झाड़फूंक कराया. लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा तो पालकोट के टेंगरिया ले गए. फिर वहां भी झाड़फूंक हुआ. लेकिन वहां भी बच्चे को जीवित करने का प्रयास सफल नहीं हुआ. फिर शव को लेकर घर आए, यहां लाश में जान फूंकने के लिए घर में प्रार्थना की. लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. अंत में पंचायक की मुखिया कमला देवी के समझाने-बुझाने के बाद परिजनों ने बच्चे के शव को दफना दिया.

गांव के मुखिया कमला देवी ने बताया कि बच्चे को जहरीले सांप ने डस लिया था. जिसके बाद परिजन उसे अस्पताल न ले जाकर गांव के भगत के पास झाड़फूंक करा रहे थे. स्थिति ज्यादा बिगड़ने पर परिजन उसे सदर अस्पताल ले गए. जहां इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई. इसके बाद भी परिजन अंधविश्वास में भटकते रहे. हालांकि समझाने-बुझाने पर शव को दफना दिया गया है.

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FIRST PUBLISHED : August 08, 2023, 23:18 IST

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