Friday, May 9, 2025
HomeDengue Fever in Kids: बच्चों में डेंगू के लक्षणों को न करें...

Dengue Fever in Kids: बच्चों में डेंगू के लक्षणों को न करें अनदेखा, हेल्थ एक्सपर्ट्स से जानें बचाव के टिप्स

देश प्रहरी की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें

[ad_1]

डेंगू का बुखार एजिप्टी एडीज नामक मच्छर के काटने से होता है। हालांकि बच्चे में डेंगू के लक्षण पेरेंट्स जल्दी पहचान नहीं पाते हैं। बच्चों में डेंगू के लक्षणों पर ध्यान न देना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। कुछ गलतियां होने पर यह जानलेवा भी हो सकता है।

बारिश के मौसम में वेक्टर जनित बीमारियां की संभावना अधिक बढ़ जाती है। बारिश के मौसम में डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी बीमारियां तेजी से फैलती हैं। बच्चों में इन बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। बता दें कि डेंगू का बुखार एजिप्टी एडीज नामक मच्छर के काटने से होता है। हालांकि बच्चे में डेंगू के लक्षण पेरेंट्स जल्दी पहचान नहीं पाते हैं। इस संक्रमण में सबसे पहले बुखार आता है। फिर धीरे-धीर परेशानियां बढ़ने लगती है। डेंगू संक्रमण के लक्षण 3-4 दिन बाद गंभीर होने लगते हैं। बच्चों में डेंगू के लक्षणों पर ध्यान न देना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। कुछ गलतियां होने पर यह जानलेवा भी हो सकता है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कमजोर होती है। जिसकी वजह से उनका संक्रमण की चपेट में आने का खतरा अधिर रहता है। ऐसे में अगर बच्चों में डेंगू के लक्षणों की पहचान शुरूआती दिनों में करने और समय पर सही इलाज मिलने पर यह संक्रमण जानलेवा नहीं होता है। लेकिन ज्यादातर पेरेंट्स सही समय पर बच्चों में डेंगू के लक्षणों को पहचान नहीं पाते हैं। शुरूआत में ही देखभाल करने से इसका खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। इस बीमारी में मरीज की प्लेटलेट्स तेजी से कम होने लगती हैं।

डेंगू के लक्षण

आमतौर पर डेंगू के बुखार में फ्लू जैसे लक्षण नजर आते हैं। डेंगू संक्रमण होने पर मांसपेशियों और शरीर में दर्द होता है। वहीं बच्चे इस परेशानी को सही से व्यक्त नहीं कर पाते हैं और पेरेंट्स इन्हें सामान्य फ्लू समझ लेते हैं। ऐसी करना बच्चे की सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए डेंगू के इन लक्षणों के दिखते ही फौरन जांच करवानी चाहिए।

नाक और मसूड़ों से खून आना

शरीर में दर्द और मांसपेशियों में कमजोरी

तेज बुखार और शरीर का तापमान बढ़ना

उल्टी और दस्त की समस्या

भूख में कमी और खराब पाचन

बच्चों में चिड़चिड़ापन

शरीर पर चकत्ते और दाने

तेजी से सांस लेना

आमतौर पर डेंगू का बुखार बच्चों में तीन स्टेज में होता है। पहले स्टेज में मरीज को हल्के बुखार के साथ थकान की समस्या होती है। पहले चरण में 2-7 दिन के लिए बुखार रहता है। इस चरण में बच्चे को थकान, कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द और बुखार की समस्या होती है। वहीं दूसरे चरण में बच्चे को मतली के साथ उल्टी और प्लेटलेट्स काउंट में कमी आने लगती है। तीसरे चरण में पहुंचने पर डेंगू से संक्रमित मरीज को ब्लीडिंग हो सकती है। 

बचाव टिप्स

बच्चों को डेंगू की चपेट में आने से बचाने के लिए अभिभावकों को कुछ सावधानियों का ध्यान रखना होता है। इसके लिए ध्यान रखें कि बच्चों को मच्छरों के काटने से बचाने का प्रयास करें। वहीं संक्रमण के लक्षणों को पहचानकर समय से इलाज लेने से इसका खतरा कई गुना तक कम किया जा सकता है। घर से बाहर निकलने के दौरान बच्चे को फुल आस्तीन के कपड़े पहनाएं। इसके अलावा आसपास की जगहों पर साफ-सफाई बनाए रहें और पानी जमा न होने दें। सही समय पर लक्षणों को पहचानकर इलाज देना सबसे बड़ा बचाव है।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

[ad_2]

Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments