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एक ऐसी घटना हुई है जिसने मुस्लिम देशों के साथ-साथ पूरी दुनिया को ही हैरान करके रख दिया है। इस बार तो एक मुस्लिम देश में कुरान जलाई गई है और कुरान जलाने वाले भी मुस्लिम लोग हैं।
कुरान की प्रति को जलाने की खबरें आपको लगातार पढ़ने और देखने को मिल रही है। स्वीडन और डेनमार्क जैसे देशों में कुरान जलाने की खबरें आ रही हैं। इस तरह की घटनाओं धीरे-धीरे पूरे यूरोप में बढ़ती जा रही है। कुरान की बेअदबी किए जाने की घटनाओं को लेकर मुस्लिम देशों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। डेनमार्क और स्वीडन द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करने वाले नियमों के तहत कुरान जलाने की अनुमति देने के बाद ईरान और इराक में विरोध प्रदर्शन भड़क उठे। लेकिन इसी बीच एक ऐसी घटना हुई है जिसने मुस्लिम देशों के साथ-साथ पूरी दुनिया को ही हैरान करके रख दिया है। इस बार तो एक मुस्लिम देश में कुरान जलाई गई है और कुरान जलाने वाले भी मुस्लिम लोग हैं।
इस्लामिक बहुल देश बांग्लादेश में कुरान जलाने की घटना सामने आई है। दो लोगों ने मिलकर पवित्र कुरान की प्रतियों को आग के हवाले कर दिया। इसके विरोध में बांग्लादेश की सड़कों पर हजारों लोग उतर आए। पुलिस ने कहा कि रविवार रात कम से कम 10,000 लोग सड़कों पर उतर आए और उन्होंने पवित्र पुस्तक को नष्ट करने के आरोपी दो लोगों पर हमला करने की कोशिश की। एएफपी ने पुलिस अधिकारी अजबहार अली शेख के हवाले से कहा कि स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश में कम से कम 14 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
आरोपी कौन हैं?
पुलिस ने नुरुर रहमान नाम के एक स्कूल प्रिंसिपल और उसके सहयोगी महबूब आलम को दोषियों के रूप में पहचाना है और उन्हें पूर्वोत्तर शहर सिलहट से हिरासत में लिया है। सिलहट मुस्लिम-बहुल देश के सबसे रूढ़िवादी हिस्सों में से एक है। पुलिस ने उनके पास से जलि हुई कुरान की कम से कम 45 प्रतियां भी जब्त कीं। आरोपी लोगों का दावा है कि नष्ट की गई कुरान बहुत पुरानी थीं और उनकी छपाई में कुछ गलतियाँ थीं। मुस्लिम विद्वानों के अनुसार, पवित्र पुस्तक का निपटान तभी स्वीकार्य है जब सम्मानपूर्वक किया जाए।
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