Sunday, January 12, 2025
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नड्डा ने बंगाल में पंचायत चुनाव में हुई हिंसा की तुलना विभाजन काल की उथल-पुथल से की

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नड्डा की टिप्पणी पर टीएमसी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और भाजपा अध्यक्ष के बयानों को मणिपुर में भाजपा की विफलताओं से ध्यान हटाने का प्रयास करार दिया। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, भाजपा ने ही पंचायत चुनावों के दौरान राज्य में हिंसा फैलाई। भाजपा नेता राज्य को बदनाम करने और मणिपुर में अपनी विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए ये बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। मणिपुर पिछले तीन महीनों से जल रहा है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर निशाना साधते हुए पंचायत चुनावों के दौरान हुई हिंसा की तुलना विभाजन काल की उथल-पुथल से की।
नड्डा ने यह भी दावा किया कि टीएमसी सुप्रीमो एवं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद को लोकतंत्र की हिमायती के रूप में पेश करती हैं, जबकि वह इसे कमजोर कर रही हैं।
केंद्रीय एजेंसियों द्वारा भ्रष्टाचार के मामलों में टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी पर ममता का मजाक उड़ाते हुए नड्डा ने कहा कि टीएमसी सरकार की अगली कैबिनेट बैठक जल्द ही जेल में होगी।
नड्डा ने एक सभागार में पंचायत चुनावों में भाजपा के विजयी उम्मीदवारों और चुनावी हिंसा के कथित पीड़ितों को संबोधित करते हुए कहा कि टीएमसी शासन के तहत राज्य में जंगल राज चल रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया, लोगों को बोलने की इजाजत नहीं है। बंगाल में कोई लोकतंत्र नहीं है।

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पूरी तरह से अराजकता चल रही है, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी देश में लोकतंत्र की बात करती हैं और ऐसा व्यवहार कर रही हैं, जैसे वह लोकतंत्र की हिमायती हों।
भाजपा अध्यक्ष ने पार्टी द्वारा राज्य में भेजी गई तीन तथ्यान्वेषी टीम का जिक्र करते हुए कहा, रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्री को सौंप दी गई है। पश्चिम बंगाल में हिंसा हो रही है, हजारों भाजपा कार्यकर्ता बेघर हो गए हैं और ममता दीदी सबूत मांग रही हैं। यह राज्य की स्थिति है।
इस बात पर जोर देते हुए कि आने वाले दिनों में भाजपा लोकतांत्रिक तरीके से टीएमसी को हरा देगी, उन्होंने कहा कि कथित आतंकी रणनीति के बावजूद भाजपा ने पंचायत चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल के हिंसाग्रस्त त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में जोरदार जीत दर्ज की। भाजपा के वोट प्रतिशत में भारी गिरावट देखी गई, जबकि विपक्षी वाम-कांग्रेस गठबंधन ने अपने वोट प्रतिशत में वृद्धि दर्ज की।

ममता ने दावा किया था कि आठ जून को चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद से चुनाव संबंधी हिंसा में 29 लोग मारे गए, जिनमें से ज्यादातर उनकी पार्टी टीएमसी से जुड़े हुए थे।
हालांकि, पुलिस सूत्रों ने मरने वालों की संख्या 38 बताई है, लेकिन इस बात से सहमति जताई है कि जान गंवाने वालों में कम से कम 60 प्रतिशत लोग टीएमसी के थे।
नड्डा की टिप्पणी पर टीएमसी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और भाजपा अध्यक्ष के बयानों को मणिपुर में भाजपा की विफलताओं से ध्यान हटाने का प्रयास करार दिया।
टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, भाजपा ने ही पंचायत चुनावों के दौरान राज्य में हिंसा फैलाई। भाजपा नेता राज्य को बदनाम करने और मणिपुर में अपनी विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए ये बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। मणिपुर पिछले तीन महीनों से जल रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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