पाकुड़। नागों की देवी और भगवान शिव की मानस पुत्री देवी मनसा की पूजा बुधवार को पाकुड़ नगर के बागतीपाड़ा स्थित मनसा मंदिर में बड़ा पुजारी रामू राय एवं छोटा पुजारी रतन राय के द्वारा पारंपरिक विधि विधान तथा मंत्रोच्चारण के साथ से करवाया गया।
सर्वप्रथम सात दिवसीय मनसा गान प्रारंभ से बागतीपाड़ा में सर्प की देवी मां मनसा पूजा आरंभ हो जाती है। जहां मां मनसा देवी के गुणगान पर आधारित भजन कीर्तन किया गया।
पाकुड़ नगर के बागतीपाड़ा में वर्षों-वर्ष से मां मनसा की पूजा अर्चना की जाती रही है, पूर्व से एक ही स्थान पर पूजा होती रही है, जो अति प्राचीन है।
माता मंदिर और पूजा के संस्थापक प्रेमचंद साहा ने बताया कि विगत सौ से अधिक वर्षों से बागतीपाड़ा में मां मनसा की पूजा अर्चना विधि विधान से किया जाता है। जहां पाकुड़ जिला सहित पश्चिम बंगाल बिहार से श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं, मान्यता है कि सच्चे मन से मां को याद करने से श्रद्धालुओं की मनोकामना मां अवश्य पूर्ण करती है।
मनसा पूजा में मेला का भी आयोजन होता रहा है, जहां लोग आनंद लेते हैं छोटे-छोटे बच्चों के लिए यह मेला आनंददाई होता है।
मनसा पूजा के पूर्व संध्या पर सन्धि पूजा पुजारियों के द्वारा किया गया तथा मनसा पूजा के अवसर पर सर्वेश्वर झा, असित दास, विक्रम राय, मदन बनर्जी, सिद्धनाथ मजुमदार की देखरेख में कलश पूजन कर ग्राम रक्षा हेतु संपूर्ण बागतीपाड़ा में कलश यात्रा निकाली गई। इसमें घर घर पूजा-अर्चना हुई तदोपरांत पुजारी सहित श्रद्धालुओं ने मनसा मंदिर जलकुंड में स्नान कर डुबकी लगाते हुए अग्निकुंड में प्रवेश कर नृत्य करते हुए मनसा मंदिर में पूजा हेतु प्रवेश कर पूजा अर्चना प्रारंभ किया।उसके तुरंत बाद बलिदान प्रारंभ हुआ।
बागतीपाड़ा पाकुड़ में आठ दिवसीय मनसा पूजा को सफल बनाने में अमित घोष, हिसाबी राय, बच्चु राय, छोटन मेहरा, लव रजक, रोहित गुप्ता, सुब्रजीत राय, विक्की राय, कार्तिक राय, कन्हैया शंभू बागती, बामा बागती, फजलु राय, प्रवीण राय, राहुल सिंह, प्रिन्स सिंह, छोटू राय, सोमू दास, बाबाय बनर्जी, बापन राय, लालू राय, प्रेम राय, आस्तिक राय, पार्थो बनर्जी सहित समस्त ग्राम वासियों ने अहम भूमिका निभाई।