पाकुड़ । जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट के शासी परिषद की बैठक लिट़्टीपाड़ा विधायक दिनेश विलियम मरांडी की अध्यक्षता में शुक्रवार को समाहरणालय सभागार में की गई। बैठक में कई योजनाओं की स्वीकृति हेतु विचार विमर्श किया गया। इस बैठक में जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट के क्रियाकलापों के बारे में चर्चा की गई।
लिट़्टीपाड़ा विधायक दिनेश विलियम मरांडी ने अपने संबोधन में कहा कि गर्मी को देखते हुए सबसे पहले पेयजल की व्यवस्था सभी अस्पतालों, सभी विद्यालयों में किया जाए। जहां पर अत्यंत पेयजल की आवश्यकता है, वहां पर पेयजल की व्यवस्था को बहाल किया जाए।
उप विकास आयुक्त शाहिद अख्तर ने कहा कि खनन प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट की राशि से शुद्ध पेयजल मुहैया कराना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है। प्राथमिक शिक्षा की व्यवस्था करना एवं ग्रामीणों के स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा उपलब्ध कराना भी जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट की प्राथमिकता सूची में है। प्रथम फेज में पेयजल की सुविधा सभी विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों के मांगों को भी ध्यान में रखा जाएगा।
बता दें कि डीएमएफटी की राशि को मूल प्राथमिकता क्षेत्र और अन्य प्राथमिकता क्षेत्र के कार्यों में खर्च किया जा सकता है। डीएमएफटी की 60 प्रतिशत राशि को मूल प्राथमिकता क्षेत्र जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास, महिला और बाल कल्याण, पेय जलापूर्ति, बुजुर्ग और दिव्यांग कल्याण और पर्यावरण संरक्षण एयर प्रदूषण नियंत्रण की योजनाओं के लिए खर्च करने का प्रावधान है। वर्तमान समय में डीएफएमटी के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों का विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत किया गया। खनन प्रभावित क्षेत्र से आए हुए जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने अपने क्षेत्र की समस्याओं से अधिकारियों को अवगत कराया गया। इस संबंध में उप विकास आयुक्त ने कहा कि सभी समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द कर दिया जाएगा।
मौके पर उप विकास आयुक्त शाहिद अख्तर, सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल, जिला परिषद अध्यक्ष जूली खिष्टमणी हेंब्रम, जिला परिषद उपाध्यक्ष अशोक कुमार भगत, सांसद प्रतिनिधि श्याम यादव, जिला खनन पदाधिकारी प्रदीप साव, कार्यपालक दंडाधिकारी आशुतोष, जिला योजना पदाधिकारी अनूप कुजूर, जिला शिक्षा अधीक्षक मुकुल राज, एसएमपीओ पवन कुमार, पाकुड़ विधायक प्रतिनिधि गुलाम अहमद, महेशपुर विधायक प्रतिनिधि एवं खनन प्रभावित क्षेत्र के प्रमुख, उपप्रमुख, मुखिया, उप मुखिया समेत अन्य उपस्थित थे।