[ad_1]
प्रभासाक्षी संवाददाता ने पाया कि पुलवामा जिले के तहाब क्षेत्र में किसान विदेशी सब्जियों को भारी मात्रा में उगा रहे हैं। प्रभासाक्षी से बातचीत में किसानों ने बताया कि पाँच साल पहले यह भूमि एक फलता-फूलता सेब का बगीचा था।
कश्मीर में परिस्थितियों के बदलाव के इस मौसम में हमारे किसान क्यों पीछे रहें। जब सब क्षेत्र तरक्की कर रहे हैं, पुराने ढर्रे को छोड़ कर नई राह पर आगे बढ़ रहे हैं तो हमारे कश्मीरी किसानों ने भी अपने लिये कुछ नये क्षेत्रों की पहचान कर उस पर कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है। इस कड़ी में किसान अब पारम्परिक रूप से सेब उगाने की बजाय विदेशी सब्जियां उगाने को प्राथमिकता दे रहे हैं। दरअसल कश्मीर में हालात सुधरने के चलते यहां से व्यापार काफी सुगम हो चुका है। इसलिए अब किसानों और फल उत्पादकों को इस बात की चिंता नहीं रहती कि उनका माल मंडियों में कैसे पहुँचेगा। इसके अलावा सरकार और प्रशासन की ओर से भी किसानों को नई तकनीक, आर्थिक सहायता और कृषि संबंधी मदद पहुँचायी जा रही है जिससे किसान भी नये नये प्रयोग करने को लेकर उत्साहित हुए हैं।
प्रभासाक्षी संवाददाता ने पाया कि पुलवामा जिले के तहाब क्षेत्र में किसान विदेशी सब्जियों को भारी मात्रा में उगा रहे हैं। प्रभासाक्षी से बातचीत में किसानों ने बताया कि पाँच साल पहले यह भूमि एक फलता-फूलता सेब का बगीचा था। हालाँकि, सेब की कीमतों में एक दशक से चली आ रही गिरावट के कारण हमने बागवानी से कृषि की ओर जाने का फैसला किया। किसानों ने बताया कि यह फैसला लेने में स्थानीय कृषि कार्यालय मददगार साबित हुआ और वहां हमें विदेशी खेती के बारे में काफी जानकारी मिली। किसानों ने कहा कि अब विदेशी सब्जियों की खेती से काफी फायदा हो रहा है और यह सब्जियां घाटी के विभिन्न हिस्सों में कई सब्जी थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं तक आसानी से पहुँच भी जाती हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में इन सब्जियों की बहुत मांग है। जैसे ही यह खेत से आती हैं तुरंत ही बिक जाती हैं।
अन्य न्यूज़
[ad_2]
Source link