रांची । राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से सोमवार को झारखण्ड राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी एवं आयोग की सदस्य शबनम परवीन ने राजभवन में मुलाकात की।
इस दौरान हिमांशु शेखर चौधरी ने राज्य खाद्य आयोग द्वारा प्रकाशित एवं झारखण्ड विधानसभा में समर्पित वर्ष 2020-2022 का वार्षिक प्रतिवेदन माननीय राज्यपाल को सौंपा। उन्होंने राज्यपाल को आयोग द्वारा किये जा रहे कार्यों, आयोग की संरचना एवं कार्यबल से संबंधित प्रतिवेदन भी समर्पित किया।
राज्यपाल ने आयोग द्वारा अब तक नौ जिलों (पलामू, धनबाद, बोकारो, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, जामताड़ा, दुमका एवं गोड्डा) में कराये जा रहे मुखिया संवाद, सुनवाई, जनसुनवाई एवं स्थल निरीक्षण कार्यों की सराहना की। उन्होंने आयोग द्वारा शुरू मुखिया संवाद कार्यक्रम में खुद उपस्थित होकर वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त करने की इच्छा जतायी। राज्यपाल ने अपने प्रधान सचिव श्री नितिन मदन कुलकर्णी को आयोग के साथ विमर्श कर जून में साहेबगंज जिले के बोरियो प्रखण्ड में कार्यक्रम निर्धारित करने का निर्देश दिया।
राज्यपाल ने आयोग द्वारा जारी वाट्सएप्प नं0-9142622194 में शिकायत दर्ज करने की पहल और आयोग की वेबसाईट https://jharkhandsfc.in के माध्यम से ऑनलाईन शिकायत प्राप्ति, वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई एवं टीवी न्यूज चैनलों एवं अखबारों द्वारा NFSA के प्रचार-प्रसार और लाभुकों की शिकायतों के त्वरित निष्पादन की दिशा में बेहतर काम करने वाले जिलों के अपर समाहर्ता-सह-जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी (DGRO) को सम्मानित करने की पहल एवं मुखिया को सम्मानित करने के प्रस्ताव की प्रशंसा की।
राज्यपाल ने हिमांशु शेखर चौधरी को आश्वस्त किया कि जरूरत पड़ने पर वे राज्य एवं केन्द्र सरकार से बातचीत कर कमियों को दूर कराने की दिशा में सहयोग करेंगे।
हिमांशु शेखर चौधरी ने राज्यपाल को जानकारी दी कि इस वर्ष 09 दिसम्बर को आयोग स्थापना दिवस के दिन राज्य के सभी जिलों में NFSA को लागू करने में बेहतर काम करने वाले तीन मुखिया को सम्मानित करने की योजना है। इस पर राजयपाल ने श्री चौधरी को निर्देश दिया कि मुखिया को पुरस्कृत करने की चयन प्रक्रिया ऐसी हो, जिसमें चयन से पहले सम्बन्धित पंचायतों में NFSA के संचालन का निष्पक्ष भौतिक परीक्षण कर लिया जाए, अन्यथा आयोग सभी लाभुकों को उनका हक दिलाने का मकसद हासिल नहीं कर पाएगा।
राज्यपाल ने कहा कि भविष्य में अन्य जिलों में आयोजित होने वाले मुखिया संवाद कार्यक्रम, सुनवाई एवं जनसुनवाई उन प्रखण्डों में रखें, जहाँ से पीडीएस, आंगनबाड़ी, कुपोषण एवं मध्याह्न भोजन से सम्बन्धित ज्यादा शिकायतें आ रही हों। उन्होंने कहा कि वे एक प्रतिवेदन के माध्यम से यह बताएँ कि राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) को शत् प्रतिशत क्रियान्वित करने में राज्य और केन्द्र सरकार से कितना और किस प्रकार का सहयोग मिल रहा है।