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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि वैगनर ग्रुप ने अपने आका पुतिन को जिस तरह आंखें दिखाईं थीं उससे दुनिया भर को यह संदेश गया था कि अपने लगभग ढाई दशक के कार्यकाल में पुतिन पहली बार कमजोर पड़े हैं।
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के ताजा हालात क्या हैं? हमने यह भी जानना चाहा कि वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन की जिस तरह विमान हादसे में मौत हुई उसको लेकर सबकी उंगलियां रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर क्यों उठ रही हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि पुतिन का इतिहास रहा है कि वह अपने विरोधियों को कभी माफ नहीं करते। चाहे वह विरोधी राजनीतिक हों या सैन्य विद्रोही। उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पुतिन ने प्रिगोझिन की बगावत के बाद उन्हें मिटाने का संकल्प ले लिया था। भले बाद में दोनों के बीच सुलह हो गयी थी लेकिन वैगनर ग्रुप के चीफ की मौत दर्शाती है कि पुतिन ने अपना संकल्प पूरा कर लिया है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि वैगनर ग्रुप ने अपने आका पुतिन को जिस तरह आंखें दिखाईं थीं उससे दुनिया भर को यह संदेश गया था कि अपने लगभग ढाई दशक के कार्यकाल में पुतिन पहली बार कमजोर पड़े हैं। उन्होंने कहा कि पुतिन यह नहीं भूले थे कि किस तरह रोस्तोव में येवगेनी प्रिगोझिन के साथ सेल्फी लेने और उनसे हाथ मिलाने के लिए रूसियों में होड़ लगी हुई थी। पुतिन वह दृश्य देखकर समझ गये थे कि उनको आंख दिखाने और उनके शासन को चुनौती देने की हिम्मत दिखाने वाले को जनता सराह रही है। उन्होंने कहा कि बात सिर्फ यही नहीं है कि प्रिगोझिन ने पुतिन ने पंगा लिया था, बात यह भी है कि जिस तरह कई देशों में वैगनर ग्रुप का आधार बढ़ गया था वह रूस के लिए मुश्किलों का सबब बन रहा था। उन्होंने कहा कि अब प्रिगोझिन की मौत के बाद वैगनर ग्रुप फिर से एक बार पूरी तरह रूस के लिए भाड़े पर काम करने वाला सैन्य संगठन बन कर रह गया है।
उन्होंने कहा कि जहां तक युद्ध के ताजा हालात की बात है तो रूस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अपने वायुसेना प्रमुख को हटा दिया है क्योंकि वह यूक्रेन से होने वाले हमले रोकने में विफल रहे। खासतौर पर क्रीमिया में रूस के मिसाइल डिफेंस सिस्टम को यूक्रेन जिस तरह तबाह करने का दावा कर रहा है यदि वह खबर सही है तो यह रूस के लिए बड़ा झटका है। उन्होंने कहा कि युद्ध में एक दूसरे पर छिटपुट हमले ही खबरों में स्थान पा रहे हैं लेकिन जैसे ही अमेरिकी एफ-16 विमान युद्धक्षेत्र में आ जायेंगे वैसे ही युद्ध का स्वरूप बदल सकता है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि हालिया ब्रिक्स सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से दिये गये संबोधन पर गौर करें तो प्रतीत होता है कि वह अपनी गलती मानने की बजाय पश्चिमी देशों पर यूक्रेन में डोनबास क्षेत्र में रहने वाले लोगों के खिलाफ ‘‘युद्ध छेड़ने’’ का आरोप लगा कर उस कहावत को सिद्ध कर रहे हैं कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। उन्होंने कहा कि चूंकि अंतरराष्ट्रीय अदालत ने पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा है जिसके चलते वह ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जोहानिसबर्ग नहीं गये और सम्मेलन को डिजिटल तरीके से संबोधित कर एक तरह से यूक्रेन पर रूसी आक्रमण को जायज ठहराने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि पुतिन का संबोधन यह संकेत देता है कि इस युद्ध के हाल फिलहाल समाप्त होने के आसार नहीं हैं। भले कुछ देश शांति वार्ता आयोजित कर रहे हैं लेकिन रूस पीछे हटने और यूक्रेन हार मानने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि अगला ब्रिक्स शिखर सम्मेलन चूंकि अगले साल अक्टूबर में रूस में होना है इसलिए देखना होगा कि क्या उससे पहले युद्ध समाप्त होता है या युद्ध नया मोड़ लेता है?
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