Wednesday, November 27, 2024
Homeजिले में चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने वाले निजी संस्थाओं को 9 सितम्बर...

जिले में चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने वाले निजी संस्थाओं को 9 सितम्बर 2023 तक करना होगा पंजीयन

देश प्रहरी की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें

मुख्य बातें

  • 9 सितंबर के बाद बिना पंजीयन के चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने पर 5 लाख तक लग सकता है अर्थ दंड
  • उपायुक्त ने कहा जिले में नहीं होने दिया जाएगा नियम विरुद्ध कार्य
  • अपंजीकृत व मानक पूरे ना करने वाला अस्पताल होंगे सील, संचालकों पर होगी कड़ी कार्रवाई

पाकुड़। उपायुक्त मृत्युंजय कुमार बरणवाल ने कहा कि जिले में चलने वाले सभी अस्पताल, क्लिनिक, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी, आयुष, एक्सरे स्कैन सेंटर आदि के संचालन के लिए पंजीयन करना अनिवार्य है। बिना पंजीयन के संचालन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा जिले में संचालित सभी अस्पताल, क्लिनिक, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी, आयुष, एक्सरे स्कैन सेंटर क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 के तहत हर हाल में 9 सितंबर 2023 तक पंजीयन के लिए आवेदन करें। 

उपायुक्त ने बताया की पंजीयन के लिए आवेदन ऑनलाइन माध्यम से करेंगे। साथ ही उसकी एक प्रति सिविल सर्जन कार्यालय में समर्पित करेंगे। पंजीयन के लिए आधिकारिक वेबसाइट http://www.clinicalestablishments.gov.in जाकर अपना आवेदन कर सकते है।
उपायुक्त ने कहा कि 9 सितंबर के बाद बिना पंजीकरण के संचालन करते पाए जाने पर क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि अपंजीकृत निजी संस्थान के द्वारा चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराए जाने पर धारा 41(1) के तहत अर्थ दंड का प्रावधान है।
अपंजीकृत निजी संस्थान से प्रथम बार पकड़े जाने पर 50 हजार रूपए तक जुर्माना के रूप वसूला जा सकता है। इसके अलावा द्वितीय बार पकड़े जाने पर 2 लाख रुपए तक वसूलने का प्रावधान है। इसके अलावा बाद में भी संस्थान की स्थिति में सुधार नहीं होने पर 5 लाख रुपए तक अर्थदंड वसूला जाएगा।

चिकित्सक का नाम व योग्यता के साथ-साथ सेवाओं के शुल्क का विवरण देना होगा अनिवार्य

उपायुक्त के कहा कि सभी अस्पताल, क्लिनिक, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी, आयुष, एक्सरे स्कैन सेंटर आदि के पूछताछ केंद्रों के समीप चिकित्सक का नाम, उनकी योग्यता, मेडिकल काउंसिल रजिस्ट्रेशन एवम प्रदत सेवाओं के शुल्क का विवरण हिंदी व अंग्रेजी में प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा ऐसा नहीं करने पर संबंधित संबंधित संस्थान पर कार्रवाई की जाएगी। उपायुक्त ने उक्त सभी नियम व अधिनियम का पालन कराने के लिए सिविल सर्जन को निर्देशित किया है। उपायुक्त ने निर्देश देते हुए कहा है कि सभी सीएचसी प्रभारियों को उनके क्षेत्र में संचालित चिकित्सा संबंधित निजी संस्थानों का ब्योरा मांगा जाए।

उपायुक्त ने कहा कि जिले में किसी भी हाल में नियम विरुद्ध कार्य होने नहीं दिया जाएगा। बिना पंजीकरण व मानक पूरे ना करने वाला अस्पतालों को सील करने के साथ उनके संचालक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments