Monday, November 25, 2024
Homeरेलवे मेन्स यूनियन पाकुड़ शाखा ने नई पेंशन योजना के विरोध में...

रेलवे मेन्स यूनियन पाकुड़ शाखा ने नई पेंशन योजना के विरोध में दिया धरना, रखा गया एक दिन का उपवास

देश प्रहरी की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें

पाकुड़ । ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के तत्वाधान मे रेलवे मेन्स यूनियन पाकुड़ शाखा के द्वारा स्टेशन प्रबंधक कार्यालय, पाकुड़ के समक्ष नई पेंशन योजना के विरोध में शाखा के कार्यकर्ताओं के द्वारा शाखा अध्यक्ष अखिलेश कुमार चौबे के अध्यक्षता में एकदिवसीय उपवास किया गया।

शाखा सचिव संजय कुमार ओझा ने बताया कि गत फरवरी महीने से ही ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के आह्वान पर पूरे देश में उससे संबद्ध संगठनों ने क्रमबद्ध एवं शांतिपूर्ण तरीके से महीने की 21 तारीख को नई पेंशन योजना के विरोध में धरना, प्रदर्शन एवं रैली का आयोजन कर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ज्ञात हो कि 2004 के बाद नियुक्त केंद्रीय कर्मचारियों को नई पेंशन योजना में लाया गया है, आज जो कर्मचारी इसी योजना में शामिल है। उन्हें सेवानिवृत्ति के पश्चात मात्र ₹900 से लेकर ₹2000 तक प्रतिमाह पेंशन दिया जा रहा है। जिससे उनका जीवन कठिन हो गया है, जबकि देश में सांसद, विधायक सभी पुरानी पेंशन योजना का लाभ ले रहे है। यहां तक कि वह दो-दो पेंशन योजना का लाभ लेते हैं और तो और सांसद, विधायक महज केवल शपथ लेने से ही पेंशन के हकदार हो जाते हैं। एक कर्मचारी 30 वर्षों तक सेवा देने के बाद भी इसी योजना से वंचित रह जाता है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने एक अटल पेंशन योजना चलाई थी, जिसमें अगर कोई आम नागरिक 18 वर्ष से प्रतिमा ₹1000, 30 वर्षों तक जमा करता है, तो उसे प्रतिमाह ₹5000 आप पेंशन देने की योजना है। जबकि प्रत्येक रेलवे कर्मचारी प्रतिमाह ₹5000 आपना अंशदान करता है, तो उसे सेवानिवृत्ति के बाद मात्र 900 से रुपया से लेकर ₹2000 तक पेंशन दिया जा रहा है। केंद्र सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए, साथ ही देश का शिक्षित बेरोजगार युवक लगातार अपनी उम्र सीमा खों देने के कारण रेलवे की नौकरियों से वंचित रह जाता है। आज सरकार केवल चुनावी वर्ष में बहाली करती है। जबकि इसे प्रतिवर्ष आयोजित किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार पिछले दरवाजे से लगातार खाली पदों को समाप्त करती जा रही है और रेलवे में रोजगार के अवसर कम होते जा रहे हैं। सरकार रेलवे का निजीकरण करके युवकों को निजी कंपनियो के हाथों शोषित होने पर मजबूर कर रही है, कम वेतन होने के कारण लगातार उनकी क्रय शक्ति कमजोर हो रही है और देश के सकल घरेलू उत्पाद में अपना योगदान नहीं कर पा रहे हैं।

शाखा अध्यक्ष अखिलेश कुमार चौबे ने बताया कि सरकार नई श्रमिक नीति के माध्यम से काम के घंटा को 8 घंटे से बहाकर 12 घंटा करना चाह रही है एवं अन्य अधिकारों को भी छीनना चा रही है। जिसका विरोध लगातार किया जा रहा है। अभी रेलवे में कर्मचारियों की भारी कमी है, जिससे मौजूदा रेल कर्मचारी काफी दवाब में काम कर रहे हैं और कई तरह की गंभीर बिमारियों का शिकार हो रहे हैं।

संजय कुमार ओझा ने आगे बताया कि उपवास सहित विरोध से सरकार को संदेश देना चाहते हैं कि उनकी मांगों को गंभीरता से लिया जाए एवम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि केंद्र सरकार यथाशीघ्र इस पर विचार करें।

इस उपवास कार्यक्रम में निलेश प्रकाश, विक्टर जेम्स, फजल रहमान, विक्रम भारती, अमर मल्होत्रा, अरुण कुमार साहा, कलीम अंसारी, गुंजन कुमार, सुधीर कुमार, पिंटूलाल पटेल, संतोष कुमार, पंकज कुमार, गौतम कुमार यादव, संजीव कुमार, श्यामल कुमार माल, भागवत प्रसाद शर्मा, राम कुमार यादव सैकड़ों कर्मचारीगण शामिल हुए।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments