पाकुड़। स्थानीय विद्यालय डी ए वी पब्लिक स्कूल के प्रांगण में गुरुवार को हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया। विद्यालय के प्रातः कालीन सभा में प्राचार्य डॉ विश्वदीप चक्रवर्ती ने हिंदी भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भाषाएं किसी भी सभ्य समाज की संरचना का मूलभूत आधार होती है। भाषाओं के माध्यम से ही मनुष्य अपनी भावनाओं को दूसरों के सामने व्यक्त करता है। भाषाओं के आधार पर ही स्वतंत्रता की परिभाषा सुनिश्चित की जाती है।
विद्यालय के हिंदी की शिक्षिका रमा कुमारी यादव के नेतृत्व में बच्चों के बीच निबंध एवं क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि अंग्रेजी के साथ साथ हिंदी का भी ज्ञान होना अति आवश्यक है। हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसकी लिपि देवनागरी है। यह भाषा विविध भाषाई और सांस्कृतिक परिदृश्य को एक साथ जोड़ने में एकीकृत भूमिका निभाती है एवं राष्ट्रीय पहचान की भावना को बढ़ावा देती है।
अंत में क्विज एवं निबंध विजेताओं को प्राचार्य द्वारा पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र द्वारा सम्मानित किया गया। भारत की सविधान सभा द्वारा 14 सितंबर 1949 को राजभाषा के रूप में स्वीकृत हिंदी के बारे में किसी कवि ने कहा है-
हिंदी हमारी अस्मिता, हिंदी हमारी मान है।
हिंदी निराला, प्रेमचंद की लेखनी का गान है।।
हिंदी में बच्चन, पंत, दिनकर का मधुर संगीत है।
हिंदी में तुलसी, सूर, मीरा जायसी की तान है।।