पाकुड़। पाकुड़ प्रखंड सभागार में प्रमुख चंदना माल पहाड़िया, प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष मनसारूल हक, उप प्रमुख हैदर अली, प्रभारी प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी डॉ० अभिषेक कुमार, प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी संतोष कुमार, प्रखंड प्रसार सहकारिता पदाधिकारी मोहन कुमार के द्वारा संयुक्त रूप से कृषक गोष्ठी का शुभारंभ किया गया।
मनसारूल हक, अध्यक्ष, प्रखंड बीस सूत्री पाकुड़ ने अपने संबोधन में कहा कि किसान मित्र अपने-अपने ग्राम पंचायत में इस गोष्ठी की बातों का एवं सरकार की योजनाओं का किसानों से विस्तृत रूप से चर्चा करेंगे। जिससे अधिक से अधिक किसान सरकार की योजना का लाभ ले सकें। उन्होंने कहा की किसानों में जागरूकता की कमी है, जिससे सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते। इसके लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा।
मोहन कुमार, प्रखंड प्रसार सहकारिता पदाधिकारी पाकुड़ के द्वारा बताया गया कि किसानों को लैंम्पस का सदस्य बनना चाहिए ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकें।
डॉ० अभिषेक कुमार, प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी ने किसानों को विभाग की योजनाओं से अवगत कराया गया एवं सुपात्र किसानों को इसका लाभ दिलाने का अनुरोध किया। विभाग द्वारा संचालित गौ-पालन योजना, मुर्गी पालन योजना, बत्तख पालन योजना आदि योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
संतोष कुमार, प्रखंड कृषि पदाधिकारी के द्वारा किसानों को जैविक खेती करने पर जोड़ दिया गया ताकि रासायनिक खेती से उत्पन्न स्थितियों को कम किया जा सके। रासायनिक खेती से मिट्टी की उर्वरक शक्ति कम होती जा रही है एवं इसके प्रभाव से मनुष्यों, पशुओं आदि जीवित प्राणियों में विभिन्न तरह के रोग जैसे कैंसर, उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारी आदि फैल रहा है। इनसे बचाव का एक ही उपाय है कि किसान जैविक खेती कर मिट्टी,मनुष्य, पशुओं आदि का जीवन बचा सके और स्वास्थ्य बेहतर कर सके एवं गुणवत्तापूर्ण कृषि उत्पाद का प्रयोग कर सकें।
शमीम अंसारी, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक पाकुड़ के द्वारा आत्मा एवं कृषि विभाग की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। आत्मा विभाग से संचालित प्रत्यक्षण, प्रशिक्षण परिभ्रमण, कृषक पाठशाला आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। कृषि विभाग के द्वारा संचालित योजना जैसे केसीसी, ऋण माफी योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत प्रति बुंद, अधिक उपज में टपक सिंचाई एवं फव्वारा सिंचाई, कुसुम योजना आदि का विस्तार से जानकारी दी गई। उपस्थित किसानों को टपक सिंचाई के बारे में विस्तार से बताया गया एवं उनका फॉर्म ऑफलाइन कैसे भरना है, भरकर बताया गया। टपक सिंचाई और फव्वारा सिंचाई में छोटे एवं सीमित किसानों को 90% अनुदान पर उक्त सिंचाई इकाई मिलेगा।
इस गोष्ठी में बीटीएम, एटीएम, भीएलडब्लू, कृषक मित्र, प्रगतिशील कृषक अन्य कृषक उपस्थित थे।