पाकुड़। जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया, जिसका उद्देश्य मानव तस्करी के खिलाफ जागरूकता फैलाना था। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ बाल कृष्ण तिवारी के निर्देश पर सचिव शिल्पा मुर्मू के मार्गदर्शन में जागरूकता सह आउटरीच कार्यक्रम आयोजित की गई।
कार्यक्रम का उद्देश्य
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य पाकुड़ जिले के कई गांवों में मानव तस्करी के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना था। इस कार्यक्रम के अंतर्गत कई गांवों, जैसे कि कोलाजोड़ा, पलाशडंगा, टकाटोला, मटिया पहाड़, बरहावाद, महादेवपुर, बरमसिया, रामपुर, शिवतल्ला आदि के ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों को कार्यक्रम के माध्यम से जागरूक किया गया। इस जागरूकता कार्यक्रम में लगभग 1900 से अधिक लोगों ने भाग लिया।
जागरूकता के माध्यम से मानव तस्करी का मुद्दा
कार्यक्रम के दौरान, विशेष रूप से मानव तस्करी के मुद्दे पर चर्चा की गई, और लोगों को इस मानव अत्याचार के खिलाफ जागरूक किया गया। पीएलवी टीम ने मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी साझा की, खासकर बाल श्रम और मजदूरों के पलायन के विषय में।
शिक्षा का महत्व: तस्करी के मुख्य कारण
मुख्य रूप से इस कार्यक्रम में पीएलवी कमला राय गांगुली ने यह बताया कि शिक्षा जीवन में स्वतंत्रता का माध्यम है, और शिक्षा के अभाव के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के लोग दिहाड़ी मजदूरी और रोजगार के लिए पलायन कर दलालों की चंगुल में फंस जाते हैं। इसलिए, शिक्षा को सभी लोगों के लिए पहुंचाना और उन्हें शिक्षित बनाना आवश्यक है ताकि वे अपने अधिकारों को समझ सकें और अपने जीवन को स्वतंत्रता से नियंत्रित कर सकें।
महिलाओं और किशोरियों की तस्करी: एक खास मुद्दा
इस जागरूकता कार्यक्रम में पिंकी मंडल ने कहा की मानव तस्करी का प्रमुख शिकार महिलाएं और किशोरियां होती हैं। इन असहाय वर्गों को यौन शोषण और मानसिक शोषण का शिकार होने के आशंका होती है। उन्हें अपने अधिकारों की सुरक्षा के लिए जागरूक बनाने के लिए उन्हें इस खतरे के बारे में जागरूक किया गया।
मानव तस्करी के रूप
पीएलवी याकूब अली ने कहा कि मानव तस्करी प्रमुखतः अनुचित तरीकों या साधनो का प्रयोग करके, व्यवसायिक लैंगिक शोषण, श्रम हेतु शोषण, भीख मंगवाना, मानव अंग प्रत्यारोपण, घरेलू कार्य हेतु, गोद लेने के लिए, शादी का झासा देकर, तस्करी की जाती है। साथ ही कहा गया की मानव तस्करी, यौन तस्करी और श्रम तस्करी के रूप में किया जाता है। ये अनैतिक और अवैध कार्य हैं, जिन्हें रोकने की आवश्यकता है।
जागरूकता और कार्रवाई
पीएलवी उत्पल मंडल ने इस कार्यक्रम के माध्यम से, लोगों को मानव तस्करी के मुद्दे पर जागरूक किया और उन्हें सावधान रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा अगर किसी को इस तरह के अपराध का शंका होता है, तो वह तुरंत प्राधिकारिक अधिकारियों या जिला विधिक सेवा प्राधिकार को सूचित करें।
जागरूकता का महत्व
पीएलवी नीरजकुमार राउत ने कहा इस कार्यक्रम के माध्यम से, यह बताने का प्रयास किया गया कि जागरूकता के माध्यम से मानव तस्करी को रोका जा सकता है। शिक्षा का महत्व यहां और भी प्रमुख है, जैसे कि शिक्षित और जागरूक लोग अपने अधिकारों को समझ सकते हैं और उनके खिलाफ उनकी आवश्यकताओं की सुरक्षा के लिए कदम उठा सकते हैं। महिलाओं और किशोरियों की सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान देना हमारी समाज की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।
मानव तस्करी के खिलाफ इस जागरूकता कार्यक्रम ने एक महत्वपूर्ण संदेश पहुंचाया है: हमें इस सामाजिक बुराइयों के खिलाफ साथ मिलकर लड़ना होगा। समाज की सुरक्षा और सामाजिक न्याय की दिशा में हमारे साथी और नागरिकों की सहायता करना हमारी जिम्मेदारी है। इस कार्यक्रम के माध्यम से हम सभी को यह समझने और कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया जाता है कि मानव तस्करी को रोकना हम सभी की जिम्मेदारी है।
इस कार्यक्रम के उद्देश्य को पूरा करने में, पाकुड़ जिला के जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बाल कृष्ण तिवारी और सचिव शिल्पा मुर्मू के मार्गदर्शन में अहम भूमिका निभाए हैं। इसके साथ ही, उन्होंने पीएलवी टीम के साथ मिलकर समाज को मानव तस्करी के बुराईयों से जागरूक करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं।
इस जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से, हम एक नये और सुरक्षित समाज की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, जहां मानव तस्करी की बुराईयों के खिलाफ जोड़ा जा रहा है। इसके साथ ही, हम शिक्षा के महत्व को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं, ताकि हम सभी एक बेहतर और समृद्ध भविष्य की ओर अग्रसर हो सकें।