पाकुड़। झालसा रांची के निर्देशानुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ ने अद्वितीय कदम उठाया है। यह कार्यक्रम प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़, बाल कृष्ण तिवारी के निर्देश पर सचिव शिल्पा मुर्मू की उपस्थिति में डालसा सभागार व्यवहार न्यायालय पाकुड़ में आयोजित की गई।
जिसके अंतर्गत बच्चों की सुरक्षा के लिए पॉक्सो अधिनियम को प्रोत्साहित किया गया। इस अधिनियम के महत्व को समझते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने विशेष जागरूकता सह आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन किया है, जिसमें बच्चों को उनके अधिकारों और सुरक्षा के बारे में शिक्षा दी जा रही है।
पॉक्सो अधिनियम: एक सुरक्षा और संरक्षण की मोहिम
पॉक्सो अधिनियम, यानी ‘बच्चों के संरक्षण का कानून,’ एक महत्वपूर्ण कानून है जो बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की संरक्षा के लिए बनाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को बाल श्रम, बाल विवाह, बाल तस्करी, और अन्य भयानक अपराधों से बचाना है। यह कानून बच्चों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार के खिलाफ एक सख्त फ्रेमवर्क प्रदान करता है और उन्हें सुरक्षित बनाने के उपायों को प्रोत्साहित करता है।
समाज का योगदान: बच्चों की सुरक्षा के लिए एकसाथ
उक्त कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ सचिव शिल्पा मुर्मू ने कानून से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारी कार्यकर्ता, जेजेबी, सीडब्ल्यूसी सामाजिक कार्यकर्ता को जागरूकता फैलाने हेतु दी गई। उन्होंने कहा पॉक्सो अधिनियम को शसक्त करने में समाज का महत्वपूर्ण योगदान है। इस अधिनियम के प्रमोट करने के लिए, जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के अधिकारी ने जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया है, जिसमें बच्चों को उनके अधिकारों और सुरक्षा के बारे में शिक्षा दी जा रही है। साथ ही, उन्होंने कई जानकारियों और निर्देशों का प्रसार किया है, जिससे बच्चों की सुरक्षा को बढ़ावा मिल सके।
बच्चों की सुरक्षा के लिए एक साझा प्रयास
इस कार्यक्रम के माध्यम से सामाजिक कार्यकर्ताओं, जेजेबी के सदस्यों, सीडब्ल्यूसी और अन्य सदस्यों ने अपने क्षेत्रों में जागरूकता फैलाई है और बच्चों को पॉक्सो अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधानों के बारे में जानकारी प्रदान की है। इसके अलावा, पीएलवी द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाया गया है और जागरूक पुस्तिकाएं बांटी गई हैं।
डुर्व्यवहार के खिलाफ: लीगल एड की जानकारी
लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के डिप्टी चीफ, नुकुमुद्दीन शेख ने डुर्व्यवहार के खिलाफ कड़ी भाषा में चर्चा की और यह बताया कि किसी भी बच्चों के साथ मानसिक, शारीरिक, या भावनात्मक दुर्व्यवहार को बच्चों के दुर्व्यवहार के रूप में जाना जाता है। इसके खिलाफ कई कड़ी कानूनी प्रावधान हैं, और इस प्रकार के अपराधों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाती है।
पॉक्सो अधिनियम के तहत बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण के प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकार के इस प्रयास में समाज का साझा संकल्प दिखाता है, और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रयास के माध्यम से हम समाज को बेहतर और सुरक्षित बनाने के दिशा में अग्रसर हो सकते हैं और बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं।
मौके पर पीएलवी मैनुल शेख, चन्द्र शेखर घोष, खुदू राजवंशी सामाजिक कार्यकर्ता रेणु कुमारी, समीम आलम समेत अन्य मौजूद रहे।