पाकुड़। व्यवहार न्यायालय में स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन व्यवहार न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय चौधरी एहसान मोईज की अध्यक्षता में हुआ और उनके साथ प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय राधा कृष्ण, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रफुल्ल कुमार, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अजय कुमार गुड़िया, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कमल प्रकाश, ज़िला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के सचिव शिल्पा मुर्मू ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।
स्वच्छता ही सेवा अभियान का महत्व और उसके लक्ष्य पर विचार
स्वच्छता ही सेवा अभियान का आयोजन पाकुड़ के व्यवहार न्यायालय द्वारा किया गया, जिसमें स्वच्छता के महत्व को बढ़ावा दिया गया और लोगों को साफ-सुथरे वातावरण के प्रति जागरूक किया गया। इस कार्यक्रम के तहत कचरा मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कई उपायों की चर्चा की गई और लोगों को इसके महत्व के बारे में जागरूक किया गया।
स्वच्छता से बढ़ते हैं शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रफुल्ल कुमार ने इस कार्यक्रम के मौके पर जनमानस को सन्देश दिया, जिसमें उन्होंने स्वच्छता की महत्वपूर्ण भूमिका को बताया। उन्होंने कहा, “स्वच्छता की मदद से हम अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को स्वच्छ रख सकते हैं। एक साफ और सुथरा वातावरण न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि हमारी मानसिक स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव डालता है। स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत हम सभी को यह जिम्मेदारी है कि हम अपने आसपास के पर्यावरण को साफ और सुथरा रखें।”
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव शिल्पा मुर्मू की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव शिल्पा मुर्मू भी मौजूद थीं। उन्होंने स्वच्छता ही सेवा अभियान के महत्व को बताया और इसके साथ ही कचरा मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई उपायों की चर्चा की। उन्होंने लोगों को स्वच्छता की महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूक किया और सभी को इस अभियान में भाग लेने की आवश्यकता को समझाया।
न्यायिक पदाधिकारी और कर्मचारी: स्वच्छता के लिए समर्थन
स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत, सभी न्यायिक पदाधिकारी और कर्मचारी ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। वे न्यायालय परिसर में साफ-सफाई के कार्यों में शामिल होकर कचरा मुक्त भारत के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कई कदम उठाए। सभी ने मिलकर न्यायालय परिसर में साफ-सफाई की। उन्होंने कचरे को अलग-अलग कर कूड़ेदान में डाला। इसके अलावा, उन्होंने स्वच्छता के महत्व को साझा कर इसके लिए सहयोग किया।
न्यायिक दंडाधिकारी का संदेश: स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत
न्यायिक दंडाधिकारी कमल प्रकाश ने इस मौके पर एक संदेश देते हुए कहा, “स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत हम सभी को एक स्वच्छ और सुरक्षित भारत की ओर कदम बढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए। हम सभी को अपने पर्यावरण का संरक्षण करने और साफ-सुथरे रखने का जिम्मेदार होना चाहिए, क्योंकि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत हम सभी को एक स्वस्थ भारत की ओर बढ़ने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाना चाहिए।”
स्वच्छता ही सेवा अभियान का आयोजन व्यवहार न्यायालय पाकुड़ द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम है जो स्वच्छता की महत्वपूर्ण भूमिका को बढ़ावा देने में मदद कर रहा है। यह कार्यक्रम लोगों को स्वच्छ और हरित भारत की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है और सभी को यह जागरूक कर रहा है कि हमें अपने पर्यावरण का संरक्षण करना और साफ-सुथरे रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत कचरा मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करने का संकल्प लेना चाहिए, ताकि हम एक स्वच्छ, हरित, और स्वस्थ भारत का सपना पूरा कर सकें।