Friday, December 27, 2024
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20 देशों की सूची में 17वें स्थान पर ड्रोन गुरु बनने जा रहा भारत, साइबर सुरक्षा के मोर्चे पर फेल

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भारत भविष्य में ड्रोन गुरु बनने की राह पर आगे बढ़ रहा है। हालांकि, साइबर सुरक्षा के मोर्चे पर देश पिछड़ रहा है। कंज्यूमर इलेक्ट्रिक शो (सीईएस) की ओर से जारी रैंकिंग में यह बात सामने आई है। अमेरिकी शहर लास वेगस में कंज्यूमर टेक्नोलॉजी  एसोसिएशन (सीटीए) ने इंटरनेशनल इनोवेशन (अंतरराष्ट्रीय नवाचार) स्कोरकार्ड जारी किया।

20 देशों की इनोवेशन एडाप्टर सूची में भारत को 17वां स्थान मिला है। टेलीहेल्थ व ड्रोन सहित कुल चार बिंदु ऐसे हैं, जिनमें भारत को ए या ए प्लस मिला है। टेलीहेल्थ में भारत को ए प्लस मिला है। ड्रोन, डिजिटल संपत्ति और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में ए मिला है। वहीं, साइबर सुरक्षा के मोर्चे पर भारत फेल होने वाले देशों में शामिल है। तकनीक, नवाचार, नीति और बुनियादी ढांचे जैसे 15 बिंदुओं पर आधारित स्कोर कार्ड में भारत ने कुल 2.186 अंक हासिल किए हैं।

2030 तक तीसरा सबसे बड़ा ड्रोन बाजार बन जाएगा भारत
एक अनुमान के मुताबिक, 2027 तक भारत में पांच लाख ड्रोन पायलट की जरूरत होगी। भारत 2030 तक अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ड्रोन बाजार बन जाएगा।

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ब्रॉडबैंड : बुनियादी ढांचे नहीं
नीतियों के क्षेत्र में स्वतंत्रता के लिए भारत को बी प्लस, मानव संसाधन के लिए सी, कर अनुकूलता के लिए डी प्लस और विविधता के लिए डी माइनस स्कोर मिला है। शोध व विकास में निवेश को लेकर भारत को सी स्कोर दिया गया है। भारत में अगस्त 2021 से फरवरी 2022 के बीच ड्रोन स्टार्टअप 34.4 फीसदी बढ़े हैं। फिलहाल देश में करीब 221 पंजीकृत ड्रोन   स्टार्टअप काम कर रहे हैं।

शोध-नवोन्मेष के पैमाने पर पड़ताल
सीटीए का यह स्कोरकार्ड दुनियाभर में शोध, विकास, तकनीक और नवोन्मेष को लेकर इस्तेमाल किए जा रहे तौर-तरीकों का आकलन करता है और बताता है कि कहां किन क्षेत्रों में अच्छा काम हो रहा है।

कुल 70 देश सर्वे में शामिल 
स्कोरकार्ड में कुल 70 देशों को जगह मिली है। इसमें सर्वोच्च श्रेणी इनोवेशन चैंपियन की है। इसके बाद लीडर, एडाप्टर व इन्वेस्टर सूची है।

30 अरब डॉलर का वैश्विक ड्रोन उद्योग
2022 में वैश्विक ड्रोन उद्योग करीब 30 अरब  डॉलर का हो गया। इसमें 2.2 अरब डॉलर के साथ भारत की हिस्सेदारी करीब सात फीसदी है।

निवेश के प्रयास 
केंद्र 2030 तक भारत को दुनिया का ड्रोन हब बनाना चाहता है। इसके लिए सरकार ड्रोन के निर्माण, शोध व विकास के क्षेत्र में 2025 तक 50 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश आकर्षित करना चाहती है। इसके लिए सरकार ने एक अरब डॉलर उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) के आवंटित किए हैं। 2023 का स्कोरकार्ड 2019 में जारी हुए आखिरी स्कोरकार्ड की तुलना में उद्यमिता के क्षेत्र में जबरदस्त में वृद्धि को दर्शाता है। दुनियाभर के नवोन्मेषकों ने इस दौरान अविश्वसनीय गति के साथ टीके विकसित करने, सीमाओं के पार चिकित्सा देखभाल प्रदान करने, वाणिज्य और शिक्षा के लिए ऑनलाइन उपकरण बनाने और जटिल आपूर्ति शृंखला चुनौतियों के समाधान खोजने के लिए उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल किया है।  -गैरी शप्रियो, सीईओ, सीटीए

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