भुवनेश्वर. अधिकांश लोग किसी भी हद तक जाकर किसी की मदद करते हैं. ऐसे ही हैं ओडिशा के रहने वाले नागेशु पात्रो. नागेशु पात्रो गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए खूब कड़ी मेहनत करते हैं. दिन में प्राइवेट कॉलेज में गेस्ट लेक्चरर के तौर पर काम करते हैं और गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ाते हैं. साथ ही रात में वह कूली का भी काम करते हैं. नागेशु पात्रो की कहानी खूब वायरल हो रही है. 31 वर्षीय नागेशु ने गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देने के लिए एक कोचिंग सेंटर खोला है. कुली का काम करके वे जो पैसा कमाते हैं. उससे इस कोचिंग सेंटर के टीचर्स की सैलरी देते हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए नागेशु पात्रो ने कहा, ‘लगभग 12 साल से यहां काम कर रहा हूं. रात में मैं कुली का काम करता हूं और दिन में पढ़ाता हूं. इस तरह मुझे भी पढ़ने को मिलता है. 2006 में मेरी पढ़ाई बंद हो गई और 2012 में फिर से शुरू हुई. कुली के रूप में काम करते हुए एमए पूरा किया. मैं एक प्राइवेट कॉलेज में भी गेस्ट लेक्चरर के तौर पर पढ़ाता हूं.’ गंजम जिले के रहने वाले नागेशु पात्र बेरहमपुर रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करते हैं.
दिन की शुरुआत में वे गेस्ट फैकल्टी के तौर पर प्राइवेट कॉलेज में पढ़ाते हैं. इसके बाद अपने कोचिंग सेंटर पर क्लासेस देते हैं. रात को वे रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करते हैं. कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ाना शुरू किया.
उन्होंने क्लास 8 से 12 के बच्चों के लिए कोचिंग सेंटर खोला. अन्य रिपोर्ट के मुताबकि नागेशु बच्चों को हिन्दी और उड़िया खुद पढ़ाते हैं. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक नागेश कुली का काम करते वे महीने में 10 हजार से 12 हजार रुपये कमाते हैं, जिसमें से वे कोचिंग सेटर के 4 टीचर्स को 3 से 4 हजार रुपये देते हैं.