Monday, November 25, 2024
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संविधान दिवस: प्रस्तावना में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के आदर्शों का संकल्प लिया गया

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पाकुड़। झालसा रांची के निर्देशानुसार प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ बाल कृष्ण तिवारी की अध्यक्षता में संविधान दिवस, समारोह पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा गया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में कानून के जानकार, अधिकारियों, पैनल अधिवक्ता, सभी न्यायालय कर्मी समेत पीएलवी की सक्रिय भागीदारी देखी गई।

बाल कृष्ण तिवारी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बताया की आज के ही दिन 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा में संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित किया गया। श्री तिवारी ने संविधान दिवस के महत्व और संविधान में निहित सिद्धांतों को बनाए रखने में इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देते हुए नागरिकों को संविधान में उल्लिखित अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों के साथ संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा। दृढ़ विश्वास और श्रद्धा के साथ, उन्होंने उन गंभीर शब्दों का उच्चारण किया जो उस भावना और आदर्शों को समाहित करते हैं, जिन पर भारतीय गणराज्य खड़ा है। इस प्रतीकात्मक भाव का उद्देश्य उपस्थित लोगों के बीच राष्ट्र के आधार संवैधानिक मूल्यों के प्रति गर्व और प्रतिबद्धता की भावना पैदा करना है।

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प्रस्तावना पढ़ने के बाद, विभिन्न कानूनी विशेषज्ञों और गणमान्य व्यक्तियों ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने संविधान के ऐतिहासिक संदर्भ, इसकी प्रारूपण प्रक्रिया और विविध भारतीय समाज के लिए एक न्यायसंगत और समावेशी कानूनी ढांचा सुनिश्चित करने में निर्माताओं के सामने आने वाली चुनौतियों का गहराई से अध्ययन किया।

यह कार्यक्रम संवैधानिक मूल्यों और सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के अवसर के रूप में कार्य करता है। उक्त कार्यक्रम में प्रस्तावना में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के आदर्शों को बनाए रखने और एक ऐसे समाज के निर्माण की दिशा में काम करने का संकल्प लिया जो प्रत्येक नागरिक के अधिकारों को पोषित और संरक्षित करता है।

अध्यक्ष बाल कृष्ण तिवारी के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने न्याय तक पहुंच और कानूनी जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इस आयोजन ने यह सुनिश्चित करने के लिए नए प्रयासों के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य किया कि कानूनी प्रणाली का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे।

बाल कृष्ण तिवारी की अध्यक्षता में संविधान दिवस समारोह एक महत्वपूर्ण अवसर था, जिसने भारतीय संविधान को परिभाषित करने वाले मूल्यों और सिद्धांतों पर विचार करने के लिए कानूनी विशेषज्ञों, विद्वानों और नागरिकों को एक साथ लाया। यह आयोजन संविधान में निहित आदर्शों की रक्षा और उन्हें बनाए रखने की सामूहिक जिम्मेदारी की याद दिलाता है, एक न्यायपूर्ण और समावेशी समाज के निर्माण के लिए एकता और प्रतिबद्धता की भावना को बढ़ावा देता है।

इस कार्यक्रम में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ बाल कृष्ण तिवारी, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय राधा कृष्ण, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अजय कुमार गुड़िया, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी निर्मल कुमार भारती, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कमल प्रकाश, जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ सचिव शिल्पा मुर्मू, लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के अधिवक्ता, सभी मीडिएटर, पैनल अधिवक्ता सभी न्यायालय कर्मी समेत पीएलवी उपस्थित रहे।

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