पाकुड़। झालसा रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ बाल कृष्ण तिवारी के निर्देश पर अवर न्यायाधीश सह प्रभारी जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ विशाल मांझी के मार्गदर्शन में पाकुड़ जिले के ग्रामीण इलाकों में 100 दिवसीय विशेष जागरूकता अभियान चलाया। जागरूकता अभियान एक आउटरीच कार्यक्रम के हिस्से के रूप में चलाया गया। यह अभियान पाकुड़ प्रखंड के शहरकोल एवं कोलाजोड़ा पंचायत के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में घूम घूम कर लोगों के बीच विधिक जागरुकता अभियान चलाया गया।
कार्यक्रम की मुख्य बातें:
इस कार्यक्रम के तहत पी.एल.वी. मनुल शेख ने डालसा में उपलब्ध निःशुल्क कानूनी सहायता के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसके अतिरिक्त पी.एल.वी. खुदू राजवंशी ने लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा लागू की गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला।
पी.एल.वी. चंद्र शेखर घोष और नीरज कुमार राउत ने बाल श्रम, बाल विवाह और सामाजिक कुरीतियों जैसे मुद्दों को संबोधित किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर व्यापक चर्चा की, महिलाओं के अधिकारों पर जोर दिया और कानूनी लाभों और सरकारी योजनाओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। इसके अलावा, उन्होंने किसी भी समस्या के मामले में व्यक्तियों तक पहुंचने के लिए संपर्क जानकारी साझा की, और उन्हें बिना किसी हिचकिचाहट के फ्रंट ऑफिस, विधिक सहायता केंद्र तक अपनी बात रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
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अभियान का प्रभाव:
आउटरीच कार्यक्रम में संबंधित क्षेत्रों के निवासियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि जानकारी जमीनी स्तर तक पहुंचे। लोगों को इंटरैक्टिव सत्रों, चर्चाओं में शामिल किया गया और अभियान के दौरान साझा किए गए ज्ञान को सुदृढ़ करने के लिए उन्हें सूचनात्मक सामग्री प्रदान की गई।
कानूनी सहायता और सशक्तिकरण:
पी.एल.वी. मैनूल शेख ने कानूनी सहायता के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि डालसा में इसे कैसे स्वतंत्र रूप से प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कानूनी ज्ञान के महत्व पर जोर दिया और व्यक्तियों को अपनी कानूनी चिंताओं को दूर करने के लिए उपलब्ध सेवाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। इस जानकारी के प्रसार का उद्देश्य कानूनी सेवाओं और आम लोगों के बीच की खाई को पाटना है, जिससे न्याय अधिक सुलभ हो सके।
सरकारी योजनाएँ और कल्याण:
पी.एल.वी. खुदू राजवंशी ने विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी प्रसारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन योजनाओं की जटिलताओं को समझाकर उनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि ग्रामीण क्षेत्रों में पात्र व्यक्ति इनसे लाभान्वित हो सकें। यह प्रयास समाज के हाशिए पर मौजूद वर्गों तक पहुंचने के लिए सरकार के समावेशी विकास के उद्देश्य से जुड़ा था।
महिला सशक्तिकरण और सामाजिक मुद्दे:
पी.एल.वी. चंद्र शेखर घोष और नीरज कुमार राउत ने बाल श्रम और बाल विवाह जैसे महिलाओं को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित किया। इन सामाजिक कुरीतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर उनका ध्यान समुदाय के भीतर चर्चा शुरू करने में सहायक था। महिलाओं के अधिकारों और कानूनी सहारा पर विस्तृत जानकारी प्रदान करके, उन्होंने क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण में योगदान दिया।
सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना:
अभियान ने जागरूकता सत्रों में निवासियों को सक्रिय रूप से शामिल करके सामुदायिक भागीदारी को भी सुविधाजनक बनाया। ग्रामीण निवासियों की उपस्थिति ने सुनिश्चित किया कि कानूनी जागरूकता का संदेश जमीनी स्तर तक पहुंचे, जिससे यह और अधिक प्रभावशाली हो गया। समुदाय के साथ सीधे जुड़कर, आयोजकों का लक्ष्य कानूनी ज्ञान और सशक्तिकरण के प्रति स्वामित्व और जिम्मेदारी की भावना पैदा करना था।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ बाल कृष्ण तिवारी के निर्देश और अवर न्यायाधीश सह प्रभारी जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ विशाल मांझी के मार्गदर्शन में जिले में चलाए गए 100 दिवसीय विशेष जागरूकता अभियान ने कानूनी सेवाओं और ग्रामीण समुदायों के बीच अंतर को पाटने के सराहनीय प्रयास को प्रदर्शित किया। कानूनी सहायता, सरकारी योजनाओं और सामाजिक मुद्दों को शामिल करते हुए व्यापक दृष्टिकोण ने शहरकोल एवं कोलाजोड़ा पंचायत और आसपास के क्षेत्रों के निवासियों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस पहल की सफलता कानूनी जागरूकता बढ़ाने और दूरदराज के क्षेत्रों में न्याय तक पहुंच को सुविधाजनक बनाने के निरंतर प्रयासों के महत्व पर प्रकाश डालती है।