झारखंड राज्य में दूसरी सरकारी भाषा का सम्मान और प्रोत्साहन बनाये रखते हुए उर्दू शिक्षकों की बहाली हो: शाहिद इक़बाल
पाकुड़ । माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी से मांग झामुमो के पूर्व केंद्रीय समिति सदस्य शाहिद इक़बाल ने किया कि प्रतेक स्कुलों में एक विषय उर्दू की पढ़ाई हो सकें क्योंकि उर्दू की पढ़ाई नहीं होने से मुस्लिम छात्र/छात्राएं उर्दू शिक्षा से दूर हो रहे है।
शिक्षा विभाग झारखंड सरकार के द्वारा प्राथमिक तथा मध्य विद्यालयों में उर्दू की शिक्षा समाप्त ना हो, इसके लिए माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर आवेदन झामुमो के पूर्व केंद्रीय समिति सदस्य शाहिद इकबाल ने दिए।
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झामुमो के पूर्व केंद्रीय सदस्य शाहिद इक़बाल ने माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि उर्दू पूर्ण रूप से एक भारतीय भाषा है। इस भाषा का जन्म यही हुआ और यही परवरिश हुआ तथा आमलोगों की एक आकषर्क उर्दू भाषा बन गई। इस भाषा का स्वतंत्रता संग्राम से लेकर संगीत की दुनिया तक में एक यादगार योगदान रहा है। इसके प्रोत्साहन के लिए झारखंड सरकार ने भी इसे द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया है। परंतु बहुत अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि झारखंड की पूर्व की सरकार के द्वारा इस उर्दू भाषा को झारखंड राज्य के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में उर्दू की शिक्षा की पढ़ाई समाप्त कर उर्दू को झारखंड राज से गौण करने का कुत्सित प्रयास किया। पाकुड़ के उर्दू विद्यालय को बंद कर दिया गया। जिससे बच्चें उर्दू शिक्षा से वंचित हो गए। एक बार फिर से उर्दू शिक्षा को लेकर दिशा निर्देश जारी हुआ है। माननीय मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि इस विषय पर गम्भीरता पूर्वक संज्ञान लेते हुए शिक्षा विभाग के निर्देश को रद्द करते हुए झारखंड राज्य के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों के अंदर उर्दू की पढ़ाई जारी रखने हेतू उचित एवं आवश्यक कार्रवाई करने की कृपा की जाए। साथ ही साथ उर्दू शिक्षकों की बहाली की व्यवस्था करने की कृपा प्रदान की जाए। ताकि अन्य भाषाओं की तरह उर्दू भाषा भी झारखंड राज्य में सम्मान पा सकें। इस विषय पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिए।